द ब्लाट न्यूज़ । इशान किशन ने स्वीकार किया है कि आक्रामक सलामी बल्लेबाज़ से फ़िनिशर बनने के चक्कर में वह अपनी राह भटक गए थे। अब वह अपने पुराने अंदाज़ में लौटने का प्रयास कर रहे हैं। इस सीज़न में अब तक इशान ने 117.15 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं जो कम से कम 150 गेंदों का सामना करने वाले सभी बल्लेबाज़ों में चौथा सबसे कम स्ट्राइक रेट है। पिछले तीन मैचों में यह आंकड़ा बेहतर होता नज़र आया है और उन्हें क्रमशः 51, 45 और 26 रन बनाए हैं। इशान की परेशानी और मुंबई की परेशानी ताल से ताल मिला रही है।
चेन्नई के ख़िलाफ़ मैच से पहले पत्रकार-वार्ता में इशान ने कहा, “जब मैंने इस टूर्नामेंट की शुरुआत की, तब में अधिक सोच विचार नहीं कर रहा था। मैं बस जाकर हमेशा की तरह बल्लेबाज़ी कर रहा था। मैं टीम को अच्छी शुरुआत दिलाने पर काम कर रहा था। हालांकि इसके बाद मैं मैच को ख़त्म करने और किसी और की भूमिका निभाने का प्रयास कर रहा था। यही कारण है कि शायद मैं पहले छह ओवरों में अपनी राह से भटक गया।”
इशान ने बताया कि इस विषय में उन्होंने कप्तान रोहित शर्मा और कोच महेला जयवर्दना से बातचीत की। उन्होंने कहा, “उन्होंने (कप्तान और कोच) ने मुझसे कहा कि अगर मैं अच्छी शुरुआत दिलाऊंगा तो उससे टीम को फ़ायदा मिलेगा। उन्होंने कहा कि अगर मैं क्रीज़ पर टिका रहा तो मैं वैसे भी मैच ख़त्म करूंगा और मुझे उसपर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता नहीं है। फ़िलहाल मैं टीम को अच्छी शुरुआत दिलाने और आसानी से अपनी विकेट नहीं गंवाने पर ध्यान दे रहा हूं। अगर मैं सेट हो जाता हूं तो मैं सुनिश्चित करूंगा कि मैं अंत तक रहकर मैच को समाप्त करूं।”
इशान अब ख़ुद पर अतिरिक्त ध्यान दे रहे हैं। टीम में उन्होंने अपने मज़ाक़िया स्वभाव को बरक़रार रखा है। अपने रहन-सहन और फ़िटनेस में बदलाव करने के बाद उन्हें उम्मीद है कि वह और बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे। उन्होंने बताया, “शुरुआती सीज़नों में मैंने कभी डायट का पालन नहीं किया लेकिन अब मैं इसका पालन करता हूं। मैंने सीनियर खिलाड़ियों को ऐसा करते देखा है। मैंने ट्रेनर के साथ बातचीत की और यह जानने की कोशिश की कि कैसे आपका शरीर खेल के दौरान आपकी मदद करता है। उदाहरणस्वरूप विकेटकीपिंग के दौरान मेरी चाल और गति बेहतर इसलिए है क्योंकि मैंने अपने खाने-पीने पर ध्यान दिया है और मैं लगातार अभ्यास करता हूं।”
इशान ने आगे कहा, “आईपीएल में मैच लगातार अंतराल पर आते रहे हैं और कभी-कभी आप ट्रेनिंग पर ध्या नहीं देते। अब मैंने ट्रेनर की सलाह लेकर एक प्लान तैयार किया है। मैं इसका नियमित पालन करता हूं ताकि मेरी फ़िटनेस बरक़रार रहे और मुझे बेहतर महसूस हो। भारतीय टीम के ज़्यादातर खिलाड़ी भी इसका पालन कर रहे हैं।” इस विकेटकीपर बल्लेबाज़ ने बताया कि बायो-बबल में खिलाड़ी अपने समय का सदुपयोग करने की चीज़ें खोजते रहते हैं। उन्हें लगता है कि उनके शरीर को बायो-बबल की आदत लग चुकी है। वह कहते हैं कि वह अपने शरीर का ख़्याल रख रहे हैं ताकि वह अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकें।
इस सीज़न में इशान इतनी अच्छी लय में नज़र नहीं आए हैं। लोगों ने नीलामी में मिली मोटी धनराशि को उनकी ख़राब फ़ॉर्म का कारण बताया है। सवा 15 करोड़ रुपयों के साथ इशान इस नीलामी के सबसे महंगे खिलाड़ी रहे थे। इशान ने स्वीकार किया कि पहले तो यह बात उनके दिमाग़ में चल रही थी लेकि सीनियर खिलाड़ियों से इस विषय में चर्चा करने के बाद सब सही हो चुका है।
इशान ने कहा, “कुछ दिनों के लिए धन राशि का दबाव रहता है। शायद नीलामी वाले दिन या उसके एक-दो दिन बाद तक। लेकिन जब आप इस स्तर पर खेलते हैं, आपको पता होता है कि क्या महत्वपूर्ण है और क्या नहीं। अब यह मुझपर है कि मैं ख़ुद पर दबाव लेता हूं या टीम के लिए मैच जिताऊ प्रदर्शन करने का प्रयास करता हूं। रोहित, विराट और हार्दिक ने एक ही बात कही कि मैं मोटी रक़म का दबाव लिए बिना अपने खेल पर ध्यान दूं। उन्होंने भी अपने करियर में ऐसी स्थिति का सामना किया होगा और किस तरह उन्होंने ख़ुद को संभाला, मैंने इस बारे में उनसे चर्चा की।” उन्होंने आगे कहा, “अब मैं काफ़ी हल्का महसूस कर रहा हूं। मैं पैसों के बारे में सोच भी नहीं रहा हूं। मेरा ध्यान टीम को जिताने पर केंद्रित है, फिर चाहे आप एक करोड़ में बिके हो या फिर 15 करोड़ में। अगर आप फ़ॉर्म में नहीं हो, तो आप कैसे दूसरों से बेहतर प्रदर्शन निकाल सकते हो, मेरा ध्यान उसी पर है।”
इशान को बाहरी आलोचनाओं और अपने फ़ॉर्म पर की जा रही टिप्पणियों से कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता है। वह इन बातों पर ध्यान नहीं देते हैं। हालांकि उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने नए खिलाड़ियों को समझाया। उन्होंने कहा, “मैंने देखा कि टीम में आए नए खिलाड़ी मैच के बाद कमेंट पढ़ रहे थे। मैंने उन्हें बताया कि यह पढ़ने से कोई फ़ायदा नहीं होगा। वह लोग खेल नहीं रहे हैं और उन्हें नहीं पता कि हमपर क्या दबाव था। उनके लिए यह कहना आसान है कि छक्का लगाना चाहिए था, उन्हें छह गेंदों पर 36 रन बनने की उम्मीद होगी। लेकिन क्रिकेट इतना आसान नहीं है। हालांकि कुछ ऐसे फ़ैंस भी होते हैं जो जानते हैं कि आप किस दौर से गुज़रते हैं और हमेशा आपके साथ रहते हैं। जब आपका ख़राब दौर चलता है, तब भी आपको नज़र आएगा कि लोग आपके साथ खड़े रहेंगे।” “मैं लोगों की बातों से प्रभावित नहीं होता हूं। लोग बाते करेंगे। अगर आपके फ़ैंस हैं तो आपके आलोचक भी होंगे। उन्हें लिखने में मज़ा आता है। हमें इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ा और हम यह मेसेज देखते तक नहीं हैं।”