द ब्लाट न्यूज़ । ज्ञानवापी मस्जिद-शृंगार गौरी सर्वे मामले में कोर्ट कमिश्नर बदलें जाने की याचिका पर और याचिका संख्या 61 ग और 56 ग पर बुधवार को सुनवाई हुई। इस सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखते हुए कल की तारीख दी है। कल सम्भवता इस सम्बन्ध में आदेश आ जाएगा। कोर्ट के तारीख देने के बाद वादी पक्ष और प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ताओं ने अपना-पाना पक्ष रखा। वादी पक्ष ने इस दौरान कहा कि जब सर्वे पूरा ही नहीं हुआ है तो फिर कोर्ट कमिश्नर बायज्ड कैसे हो सकते हैं। यह आरोप तब लग सकता है जब उनके द्वारा पेश रिपोर्ट एकपक्षीय होती।
सवा दिन चला है कमीशन, नहीं कर सकते बाधित
मामले की सुनवाई के बाद बात करते हुए वादी पक्ष के अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि आज हुई सुनवाई में प्रतिवादी संख्या-4 अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी के वकीलों द्वारा दी गयी दलीलें निरर्थक थीं। प्रतिवादी संख्या-4 ने आज मूल विषयों से भटकते हुए अपनी दलील और पक्ष रखा है। उन्होंने कहा कि जब यह पक्ष 26 अप्रैल को मौजूद था और उसी दिन सारी चीजें तय हो गयी थीं कि कमीशन होना है कोर्ट कमिश्नर का और वह कंटीन्यू चल भी रहा है। सवा दिन कमीशन की कार्रवाई हुई है उसको आप बाधित अब कैसे कर सकते हैं।
बिना कमीशन की रिपोर्ट के कोर्ट कमिश्नर बायज्ड कैसे
अधिवक्ता सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि ऐसा कोई प्रावधान सीपीसी में नहीं है कि किसी कोर्ट कमीशन को बिना कार्रवाई पूरी किये बिना ही रोक दिया जाए। उन्होंने कहा कि प्रतिवादी आज भी उसी पर अड़े हुए हैं, जबकि सारे पक्ष को सुनने के बाद न्यायालय ने आदेश को कल के लिए सुरक्षित कर लिया है। सुभाष नंदन ने कहा कि जब कमीशन अभी एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा है सिर्फ बाहरी दीवारों को ही अभी देखा गया तो आप कैसे कह सकते हैं कि कोर्ट कमिश्नर बायज्ड हैं। यह तो तब कहा जा सकता है जब रिपोर्ट पेश होती कमीशन की।
रेड जोन के अथॉराइज्ड पर्सन को निर्देशित करे कोर्ट
सुभाष नंदन ने बताया कि हम लोगों ने कोर्ट से मांग की है कि रेड जोन का जो भी ऑथराइज्ड पर्सन हो, चाहे वो डीएम हो या अन्य कोई भी अधिकारी, जिसके पास भी चाभी हो उसके आप स्पष्ट आदेशित करें कि वो हमें अंदर ले जाए और हमारा कमीशन पूरा कराये।
जज स्वयं उपस्थित होकर करवाएंगे कमीशन
वहीं विश्व वैदिक सनातन संघ के जितेंद्र सिंह बीसेंन भी आज कोर्ट पहुंचे थे। कोर्ट की कार्रवाई के बाद उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद जज साहब का जो रवैया था उससे यह साफ़ जाहिर होता है कि फैसला हमारे पक्ष में ही कल आएगा। कल के लिए आदेश सुरक्षित कर लिया है। न्यायालय से मांग की गयी थी एडवोकेट कमीशन की कार्रवाई को माननीय जज महोदय स्वयं उपस्थित होकर कार्रवाई संपन्न करवाए तो शायद ऐसा ही होने वाला है।
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