द ब्लाट न्यूज़ । एक विशेष अदालत ने राजद्रोह मामले में आरोपी निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा को सोमवार को नोटिस जारी करते हुए मुंबई पुलिस की उस अर्जी पर जवाब मांगा है, जिसमें उनकी जमानत को रद्द किए जाने का अनुरोध किया गया है।
राणा दंपति के खिलाफ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के आवास के बाहर हनुमान चालीसा के पाठ का आह्वान करने को लेकर हुए विवाद के बाद राजद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था।
पुलिस ने दंपति की जमानत को इस आधार पर रद्द करने का अनुरोध किया कि दोनों ने पिछले सप्ताह जमानत दिए जाते समय विशेष अदालत द्वारा उन पर लगाई गई शर्तों में से एक का कथित तौर पर उल्लंघन किया है।
विशेष न्यायाधीश आर एन रोकड़े ने विशेष लोक अभियोजक प्रदीप घरात की दलीलों पर सोमवार को संक्षिप्त सुनवाई की और राणा दंपति को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा। अदालत अब 18 मई को मामले पर सुनवाई करेगी।
महाराष्ट्र के अमरावती से लोकसभा सांसद नवनीत राणा और बदनेरा से विधायक उनके पति रवि राणा को मुंबई पुलिस ने 23 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। दोनों ने ऐलान किया था कि वे बांद्रा में उद्धव ठाकरे के निजी आवास ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे। उनके खिलाफ विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता पैदा करने और राजद्रोह के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था।
विशेष अदालत ने चार मई को दंपति को जमानत दे दी थी। हालांकि, उसने दंपति पर कुछ शर्तें लागू की थीं, जिसमें ऐसी ही घटना न दोहराना और मीडिया से बातचीत न करना शामिल है।
उपनगर खार की पुलिस ने सोमवार को विशेष लोक अभियोजक प्रदीप घरात के जरिये एक अर्जी दायर कर अदालत से दंपति की जमानत रद्द करने का अनुरोध किया, क्योंकि उन्होंने मीडिया से बातचीत न करने की शर्त का कथित तौर पर उल्लंघन किया है।
घरात ने कहा, ‘‘आरोपियों (नवनीत राणा और रवि राणा) ने जमानत पर रिहा होने के बाद मीडिया को साक्षात्कार दिए। इस तरह उन्होंने जमानत देते समय विशेष अदालत द्वारा लगाई गई शर्त का उल्लंघन किया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम अदालत से जमानत रद्द करने और आरोपियों के खिलाफ वारंट जारी करने का अनुरोध कर रहे हैं। हम उन्हें तत्काल हिरासत में दिए जाने की मांग कर रहे हैं।’’
उन्होंने अदालत को बताया कि दंपति अब दिल्ली गया है।
पुलिस ने अपनी अर्जी में कहा कि अदालत ने आरोपियों को जमानत देते हुए कहा था कि अगर उसके द्वारा लगायी किसी भी शर्त का उल्लंघन होता है तो उनकी जमानत रद्द कर दी जाएगी।
पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने जेल से बाहर आने के तुरंत बाद मीडिया से कहा था कि अगर हनुमान चालीसा पढ़ना अपराध है तो वे 14 वर्षों तक जेल में रहना चाहेंगे और उन्होंने उद्धव ठाकरे पर कई टिप्पणियां की थीं।