कीटनाशक छिड़काव के साथ किया ड्रोन का उपयोग…

द ब्लाट न्यूज़ । केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है कि केंद्र सरकार फसल मूल्यांकन, भूमि अभिलेखों के डिजिटलीकरण, कीटनाशकों और पोषक तत्वों के छिड़काव के लिए किसान ड्रोन के उपयोग को बढ़ावा दे रही है और कृषि क्षेत्र में उच्च क्षमता वाले ड्रोन का उपयोग सब्जियों, फलों, मछलियों को सीधे खेतों से बाज़ार तक ले जाने के लिये किया जाएगा।
श्री चौधरी आज नई दिल्ली में “किसान ड्रोन को बढ़ावा, मुद्दे, चुनौतियां और आगे का रास्ता” विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन के शुभारंभ कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि इससे देश में ड्रोन बाज़ार के विकास से युवाओं के लिये रोज़गार के नए अवसर उत्पन्न होंगे।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से कृषि क्षेत्र में ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने से खाद और कीटनाशक के छिड़काव में किसानों को मदद मिलेगी। क्योंकि हाथ से खाद का छिड़काव करने पर ज्यादा मात्रा की जरूरत होती है, जिससे लागत में इजाफा होता है परंतु ड्रोन से छिड़काव पर इससे राहत मिलेगी। वहीं कीटनाशक का छिड़काव करने वाले के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। जब यह काम मशीन से होगा तो इस समस्या का हल हो जाएगा।
श्री चौधरी ने कहा कि सरकार किसानों की सुविधा, लागत घटाने व आय बढ़ाने के लिए ड्रोन उपयोग को बढ़ावा दे रही है, इसके लिए ड्रोन खरीदने में विभिन्न वर्गों को छूट भी प्रदान की गई है। व्यक्तिगत तौर पर ड्रोन खरीद के लिए भी वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं, जिसके तहत अनुसूचित जाति- जनजाति, लघु और सीमांत, महिलाओं एवं पूर्वोत्तर राज्यों के किसानों के लिए ड्रोन की खरीद हेतु ड्रोन लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम पांच लाख रुपये की सहायता दी जाएगी। अन्य किसानों को 40 प्रतिशत अथवा अधिकतम चार लाख रुपए की सहायता दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि देश के कृषि क्षेत्र का आधुनिकीकरण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार के एजेंडा में है। इस प्रौद्योगिकी को किसानों व अन्य हितधारकों के लिए किफायती बनाने के लिए खेतों पर इसके प्रदर्शन के लिए कृषि यंत्रीकरण पर उपमिशन के तहत आकस्मिक व्यय के साथ फार्म मशीनरी प्रशिक्षण व परीक्षण संस्थानों, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थानों, कृषि विज्ञान केंद्रों व राज्य कृषि विश्वविद्यालयों को ड्रोन की खरीद के लिए लागत के सौ प्रतिशत की दर से सहायता प्रदान की जाएगी। किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) को खेतों पर प्रदर्शन के लिए कृषि ड्रोन लागत का 75 प्रतिशत तक अनुदान दिया जाएगा।

 

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