बिजली की स्थिति पूरे देश में एक गंभीर स्थति बनी…

द ब्लाट न्यूज़ । दिल्ली सरकार ने शुक्रवार को कोयले की “भीषण कमी” को रेखांकित करते हुए दावा किया कि कई बिजली संयंत्रों में सिर्फ एक दिन का भंडार बचा है और राष्ट्रीय राजधानी में विद्युत आपूर्ति बाधित होने की चेतावनी दी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कहा कि हालात को किसी तरह संभाला जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के सामने विद्युत संकट के समाधान के लिए त्वरित और ठोस कदम उठाने की जरूरत है।

दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि पर्याप्त संख्या में रेलवे रेक (डिब्बों) की अनुपलब्धता के कारण कोयले की “बेहद कमी” है और चेतावनी दी कि अगर बिजली संयंत्र बंद हो जाते हैं तो आपूर्ति में “कठिनाई” हो सकती है। राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) ने अपने संयंत्रों में कोयले की कमी के दिल्ली सरकार के दावों के जवाब में एक ट्वीट में कहा कि वर्तमान में राष्ट्रीय राजधानी को बिजली की आपूर्ति करने वाले ऊंचाहार और दादरी बिजली स्टेशन पूरी क्षमता से चल रहे हैं और “नियमित” कोयले की आपूर्ति प्राप्त कर रहे हैं।

एनटीपीसी ने ट्वीट किया, “दादरी की सभी छह इकाइयां और ऊंचाहार की 5 इकाइयां पूरी क्षमता से चल रही हैं और नियमित कोयला आपूर्ति प्राप्त कर रही हैं। वर्तमान भंडार क्रमशः 1,40,000 मीट्रिक टन और 95,000 मीट्रिक टन है और आयातित कोयले की आपूर्ति भी होने वाली है।”

केजरीवाल ने हालांकि दावा किया कि पूरे देश में बिजली की स्थिति बेहद गंभीर है। केजरीवाल ने ट्वीट किया, “देश भर में बिजली की भारी समस्या हो रही है। अभी तक दिल्ली में हम किसी तरह से प्रबंधन कर रहे हैं। पूरे भारत में स्थिति बेहद गंभीर है। हम सबको मिलकर जल्द ही इसका समाधान निकालना होगा। इस समस्या से निपटने के लिए त्वरित ठोस कदम उठाने की ज़रूरत है।”

एनटीपीसी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, “वर्तमान में ऊंचाहार और दादरी स्टेशन, ग्रिड को 100% से अधिक रेटेड क्षमता की घोषणा कर रहे हैं। ऊंचाहार में इकाई-1 को छोड़कर ऊंचाहार और दादरी की सभी इकाइयां पूरे लोड पर चल रही हैं। ऊंचाहार की इकाई-1 में वार्षिक नियोजित रखरखाव का काम चल रहा है।” कोयले की कमी के गहरे संकट के बीच दिल्ली सरकार ने बृहस्पतिवार को चेतावनी दी कि मेट्रो ट्रेन और अस्पतालों सहित राजधानी में महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों को निर्बाध बिजली आपूर्ति उपलब्ध कराने में समस्या हो सकती है।

जैन ने कहा कि कोयले की “भारी कमी” का मुख्य कारण पर्याप्त संख्या में रेक की कमी है। उन्होंने कहा कि रेलवे डिब्बों की संख्या बढ़ाने के बजाय 450 से घटाकर 405 कर दी गई है। मंत्री ने यह भी दावा किया कि दादरी और ऊंचाहार सहित बिजली संयंत्रों में केवल एक दिन का कोयला भंडार था, जो आमतौर पर 21 दिनों के लिए होना चाहिए। उन्होंने कोयले की आपूर्ति के संबंध में केंद्र को दिल्ली के किसी भी लंबित भुगतान से भी इनकार किया।

दिल्ली के बिजली मंत्री सत्येंद्र जैन ने स्थिति का आकलन करने के लिए एक आपात बैठक की थी और केंद्र को पत्र लिखकर दिल्ली को बिजली की आपूर्ति करने वाले बिजली संयंत्रों को कोयले की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराने का अनुरोध किया। सूत्रों ने कहा कि दिल्ली सरकार 1500 मेगावाट क्षमता वाले अपने गैस आधारित बिजली संयंत्र में उत्पादन बढ़ा सकती है। उन्होंने हालांकि कहा कि ऐसा करने में गैस की लागत एक बाधा हो सकती है।

दिल्ली को दादरी-द्वितीय, ऊंचाहार, कहलगांव, फरक्का और झज्जर संयंत्रों से प्रतिदिन 1751 मेगावाट बिजली प्राप्त होती है। दिल्ली सरकार ने पहले कहा था कि दादरी-द्वितीय बिजली स्टेशन से राजधानी को अधिकतम 728 मेगावाट की आपूर्ति मिलती है, जबकि ऊंचाहार स्टेशन से इसे 100 मेगावाट बिजली प्राप्त होती है। अधिकतम तापमान रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचने के साथ दिल्ली में बिजली की मांग बढ़ रही है। बृहस्पतिवार को रात 11 बजकर 17 मिनट पर शहर की बिजली मांग 6050 मेगावाट पर पहुंच गई। विद्युत वितरण कंपनियों को आने वाले महीनों में दिल्ली की अधिकतम मांग लगभग 8200 मेगावाट होने की उम्मीद है।

 

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