सेंट्रल रिज में विदेशी कीकर हटाकर नए पौधे लगाए जाएंगे…

द ब्लाट न्यूज़ । दिल्ली के वन एवं पर्यावरण मंत्री गोपाल राय जैव विविधता संवर्धन के माध्यम से पारिस्थितकी बहाली के कार्य की समीक्षा के लिए आज सेंट्रल रिज का दौरा किया दिल्ली में बढ़ रही विदेशी कीकर को हटाकर स्थानीय प्रजाति के पौधे लगाए जायेगें।
श्री राय ने सेंट्रल रिज की समीक्षा के बाद संवाददाता सम्मेलन में बताया कि दिल्ली में विदेशी कीकर की बढ़ती संख्या को देखते हुए आज से जैव विविधता संवर्धन के माध्यम से सेंट्रल रिज की पारिस्थितकी बहाली का कार्य शुरू किया गया हैं। साथ ही विदेशी कीकर को हटाकर स्थानीय प्रजाति के पौधे लगाने के कार्य की शुरुआत की गयी है।दिल्ली के पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए विभाग की ओर से इस कार्य की शुरुआत पहले चरण में 10 हेक्टेयर भूमि पर की जा रही हैं तथा आगे इस अभियान के तहत साढ़े सात हज़ार हेक्टेयर क्षेत्र को पुनर्बहाल किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि परियोजना के तहत सबसे पहले सेंट्रल रिज क्षेत्र को कट रुट स्टॉक विधि के द्वारा विलायती किकर से मुक्त किया जाएगा क्योकि यह देखा गया हैं कि विदेशी प्रजातियों का विस्तार आक्रामक रूप से बढ़ रहा हैं। इस विस्तार को रोकने और नियंत्रित करने के लिए विदेशी कीकर को हटाकर स्थानीय प्रजातियों के पौधे लगाने का काम आज से शुरू कर दिया गया है। इसके अलावा जिन स्थानों पर विलायती कीकर नहीं हैं वहां पर स्थानीय प्रजाति के पौधे लगाने का काम भी शुरू कर दिया गया है। इसमें मुख्य रूप से हिंगोट, बरगद, बहेड़ा, गोभी, चमरौद, पिलखन,अमलतास, शहतूत,पलाश, देशी बबूल, खैर, करेली,गूलर,हरसिंगार जैसे पौधे शामिल है। साथ ही घटबोड़, कड़ीपत्ता, शतावरी, करोंदा,अश्वगंधा, झरबेरे, कढीपत्ता इत्यादि झाड़ियाँ भी लगायी जायेगी।
पर्यावरण मंत्री ने बताया कि दिल्ली सरकार के वन और वन्यजीव विभाग के द्वारा सेंट्रल रिज प्रोजेक्ट के तहत घास के मैदान भी विकसित किए जाएँगे। इसे पक्षियों और तितलियों के लिए सफारी के तौर पर भी विकसित किया जाएगा। साथ ही इस प्रोजेक्ट में आसपास के पार्क भी शामिल किए जाएंगे। उन्होंने ने कहा कि इस पायलट परियोजना में चेक डेम और नेचुरल वाटर बॉडी का निर्माण भी किया जाएगा।जिससे की प्राकृतिक रूप से वहां जल का संग्रहण हो सके और भविष्य में भी पानी की समस्या से जूझना न पड़े।
उन्होंने बताया कि सेंट्रल रिज में विदेशी कीकर को हटाने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है। जो विदेशी कीकर को हटाने के साथ साथ स्थानीय प्रजाति के पौधे लगाने के काम की निगरानी भी करेगी। जैव विविधता संवर्धन के माध्यम से सेंट्रल रिज की पारिस्थितकी बहाली का कार्य भी इन्ही की निगरानी में रहेगा।
पर्यावरण मंत्री ने बताया कि सरकार की राज्य भर में 14 नर्सरी हैं, जहाँ सेंट्रल रिज के लिए पेड़ों, झाड़ियों, जड़ी-बूटियों की लगभग 60 पौधों की प्रजातियों को तैयार किया जाएगा। साथ ही विभाग विभिन्न नर्सरी और वृक्षारोपण तकनीकों पर वन कर्मचारियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रही है ताकि कर्मचारी भविष्य में देशी वृक्षारोपण को लेकर संबंधित सभी नर्सरी कार्यों को संभालने में सक्षम हो सकें।
उन्होंने कहा कि सेंट्रल रिज को विकसित करने से दिल्ली को काफी हद तक प्रदूषण से भी राहत मिलेगी।

 

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