संयुक्त राष्ट्र में भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि, आर रवींद्र ने रूस द्वारा की जा रही सैन्य कार्रवाई को तत्काल समाप्त करने के लिए भारत के आह्वान को दोहराया है। उन्होंने यह टिप्पणी यूक्रेन पर सुरक्षा परिषद की Arria-फार्मूला बैठक में की। उन्होंने कहा कि भारत यूक्रेन में बिगड़ती स्थिति पर गहराई से चिंतित हैं और हिंसा और शत्रुता को को तत्काल समाप्त करने का आह्वान करता है।
संघर्ष समस्या का समाधान नहीं
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत का पक्ष रखते हुए रवींद्र ने कहा कि किसी भी समस्या का हल खून बहाकर और मासूमों की जान की कीमत पर नहीं निकाला जा सकता है। भारत का आह्वान दोहराते हुए उन्होंने कहा कि ‘हमने संघर्ष की शुरुआत से ही कूटनीति और बातचीत के रास्ते पर चलने की आवश्यकता पर जोर दिया है। हमने बुका में कथित हत्याओं की स्पष्ट रूप से निंदा की है और एक स्वतंत्र जांच के आह्वान के लिए अपना समर्थन वापस ले लिया है।’
भारत मानव अधिकारों का पक्षकार
भारत के उप स्थायी प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव की मास्को और कीव की जारी यात्रा का भी स्वागत किया। उन्होंने कहा, ‘हम मास्को और कीव सहित इस क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र महासचिव की चल रही यात्रा का स्वागत करते हैं। साथ ही यूक्रेन में मानवीय गलियारों पर चर्चा का सकारात्मक रूप से संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि भारत मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा का मसौदा तैयार करने सहित, शुरुआत से ही मानव अधिकारों की रक्षा करने में सबसे आगे रहा है। हम दृढ़ता से मानते हैं कि सभी फैसले उचित प्रक्रिया का सम्मान करते हुए लिए जाने चाहिए।
यूक्रेन को लेकर एक साथ काम करने की जरूरत
रवींद्र ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारत रोम संविधि का पक्षकार नहीं है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि वैश्विक व्यवस्था अंतरराष्ट्रीय कानून, संयुक्त राष्ट्र चार्टर और क्षेत्रीय अखंडता और राज्य की संप्रभुता के सम्मान पर आधारित होनी चाहिए। यूक्रेन में संघर्ष के समाधान की दिशा में संयुक्त राष्ट्र के अंदर और बाहर रचनात्मक रूप से काम करना हमारे सामूहिक हित में है।