भविष्य की सुरक्षा के प्रति लोगों का रुझान तेजी से बढ़ता जा रहा है। खासकर कोरोना काल के बाद से लोग पेंशन योजना को लेकर काफी सचेत नजर आ रहे हैं। यही वजह है कि एनपीएस और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) से जुड़ने वालों की संख्या में पिछले पांच साल में 236 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। वर्ष 2017 से लेकर वर्ष 2022 मार्च तक एनपीएस योजना से जुड़ने वालों की संख्या में 88.1 प्रतिशत तो एपीवाई से जुड़ने वालों की संख्या में 335 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।
आगे भी तेजी से जुड़ेंगे लोग
पीएफआरडीए का मानना है कि आने वाले समय में पेंशन फंड से लोग तेजी से जुड़ेंगे क्योंकि इतना अधिक रिटर्न किसी और फंड से नहीं मिलता है। पीएफआरडीए के मुताबिक पिछले पांच साल में एनपीएस स्कीम ने 9.0-12.7 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। पांच साल पहले एनपीएस और एपीवाई से जुड़ने वालों की संख्या कुल आबादी का मात्र 1.2 प्रतिशत था जो अब 3.7 प्रतिशत हो गया है।
बचत का महत्वपूर्ण तरीका
पीएफआरडीए की रिपोर्ट के मुताबिक एपीवाई से इसलिए भी लोग तेजी से जुड़े हैं क्योंकि यह सिर्फ पेंशन स्कीम नहीं है बल्कि बचत का महत्वपूर्ण तरीका है। यह पूरी तरह से जोखिम से मुक्त है क्योंकि सरकार इसकी गारंटी लेती है और पीएफआरडीए इसका नियामक है। तभी मार्च, 2017 में अटल पेंशन योजना से जुड़ने वालों की संख्या सिर्फ 92.9 लाख थी जो इस साल मार्च अंत तक 4.04 करोड़ हो गई। पीएफआरडीए के मुताबिक अटल पेंशन योजना से जुड़ना और निकलना दोनों आसान है।
यह है प्राविधान
18-40 साल वालों से जुडी अटल पेंशन योजना से जुड़ने वालों को 60 साल के बाद 1000-5000 रुपये की पेंशन मिलती है और अगर पेंशन लेने वाले की मृत्यु हो जाती है तो उसकी पत्नी को ताउम्र वह पेंशन मिलती है। अगर अटल पेंशन योजना से जुड़ने वाले व्यक्ति की मौत 60 साल से पहले हो जाती है तो जमा की गई पूरी राशि लौटा दी जाती है जिस पर 9.4 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलता है
सेक्टर —- मार्च, 2017 —— मार्च 2022 —— बढ़ोतरी फीसद में
एनपीएस — 61.4——-115.5 ———-88.1
केंद्रीय कर्मचारी – 17.9—–22.8——-27.4
राज्य कर्मचारी —— 33.3 ——55.8—–67.6
कारपोरेट —— 5.9—–14.0——-137.3
प्रोफेशनल्स —- 4.4——22.9———420.5
अटल पेंशन — 92.9 —–404.6—–335.5
कुल —— 154.4———520.2—–236.9
पेंशन संपदा में भी कई गुना वृद्धि
पीएफआरडीए के मुताबिक पेंशन योजना से जुड़ने वालों की संख्या लगातार बढ़ने से पेंशन संपदा भी बढ़ती जा रही है। वर्ष 2017 में एनपीएस व अटल पेंशन योजना के तहत 1,75,000 करोड़ रुपये की संपदा थी जो इस साल मार्च में बढ़कर 7,37,000 करोड़ हो गई। इसमें एनपीएस की हिस्सेदारी 96 प्रतिशत है। जानकारों के मुताबिक एनपीएस स्कीम से निजी सेक्टर के कर्मचारी भी तेजी से जुड़ रहे हैं। सरकारी कर्मचारियों के लिए एनपीएस से जुड़ना अनिवार्य है, लेकिन कारपोरेट सेक्टर के कर्मचारी भी भविष्य की सुरक्षा को देखते हुए एनपीएस स्कीम से जुड़ रहे हैं। मात्र 500 रुपए के योगदान से एनपीएस स्कीम से जुड़ा जा सकता है।
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