वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने राज्‍य सरकार पर बोला हमला ,कहा- सरकार की लापरवाही से पैदा हुआ संकट

उत्‍तराखंड की जनता बिजली की कटौती से परेशान है। कई घंटे हो रहे पावर कट की वजह से लोग गर्मी से हलकान है। इसी मामले पर अब पूर्व मुख्‍यमंत्री और वरिष्‍ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत ने राज्‍य सरकार पर हमला बोला है।

इसके साथ ही उन्‍होंने शुक्रवार को बिजली व पेयजल संकट के खिलाफ मौन उपवास किया। वहीं हरीश रावत ने फेसबुक पोस्‍ट के जरिए राज्‍य सरकार पर हमला बोला, कहा कि राज्‍य सरकार की लापरवाही की वजह से बिजली संकट पैदा हुआ है।

अघोषित तरीके से घंटों-घंटों तक बिजली नहीं आ रही

रावत ने अपनी पोस्‍ट पर लिखा कि ‘ओम शांति-शांति-शांति। राज्य में सरकार की लापरवाही की वजह से जो विद्युत संकट पैदा हुआ, बिजली मिल नहीं रही है। अघोषित तरीके से घंटों-घंटों तक बिजली नहीं आ रही है। इंडस्ट्रीज परेशान हैं, व्यवसायी परेशान हैं, अध्ययनरत छात्र परेशान हैं और लगभग आठ से 10 घंटे तक की कटौती ग्रामीण क्षेत्रों सहित अन्य क्षेत्रों में नजर आ रही है।

मैंने इसके खिलाफ पहले भी आवाज बुलंद की थी, आज मेरा एक निजी प्रयास है, एक सीनियर सिटीजन के नाते, यह मेरा गैर राजनीतिक प्रयास है इसका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। ताकि सरकार अपनी कमियों को देख सके, विद्युत व्यवस्था में जो अव्यवस्था पैदा हो रही है उसको दुरुस्त करें…।

राज्य के चाहे शहरी क्षेत्र हों या ग्रामीण क्षेत्रों हों, बहुत विकट विद्युत कटौती का सामना कर रहे हैं। जनता विद्युत कटौती से परेशान है। इस अघोषित विद्युत कटौती और राज्य के सम्मुख उत्पन्न विद्युत व पेयजल संकट की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट करने के लिए मैं अपने देहरादून आवास पर मौन उपवास पर बैठा हूं।’

रुड़की : बिजली कटौती से दोहरी मार, पेयजल को भी तरसे लोग

बिजली कटौती के कारण शहरवासियों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। एक तो बिजली गुल होने पर नागरिकों का गर्मी से हाल बेहाल हो रहा है, वहीं पेयजल के लिए भी उपभोक्ताओं को तरसना पड़ रहा है। क्योंकि बिजली कटौती के कारण पेयजल आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है।

गर्मी बढ़ते ही शहर और आसपास के क्षेत्रों में बिजली कटौती की समस्या बढ़ गई है। पिछले दो दिन से शहर में दोपहर में लगातार चार घंटे से अधिक की बिजली कटौती हो रही है। बिजली ठप होने के कारण शहरवासियों को भीषण गर्मी झेलनी पड़ रही है। वहीं लगातार कई घंटे तक बिजली गुल होने से घरों के इनवर्टर भी ठप पड़ रहे हैं।

उधर, जल संस्थान के पास जेनरेटर की सुविधा नहीं है। इसके कारण बिजली गुल होने पर जल संस्थान के ट्यूबवेल नहीं चल पा रहे हैं और ओवरहेड टैंक में पर्याप्त मात्रा में पानी नहीं भर पा रहा है। जिस कारण किसी कालोनी एवं मोहल्ले में विभाग के उपभोक्ताओं को पानी की कमी से जूझना पड़ रहा है तो कहीं पानी का लो-प्रेशर आ रहा है।

रामनगर के पार्षद पंकज सतीजा के अनुसार गर्मी बढ़ते ही बिजली कटौती की समस्या काफी बढ़ गई है। ऐसे में पेयजल की किल्लत भी शुरू हो गई है। बताया कि सुबह-शाम तीन-तीन घंटे की बजाय लगभग डेढ़ घंटा ही पानी मिल सका।

उधर, जल संस्थान के सहायक अभियंता अरुण कुमार सोनी के अनुसार बिजली कटौती के कारण कुछ क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति प्रभावित हो रही है। उनके अनुसार ऊर्जा निगम के अधिकारियों को पत्र लिखा जाएगा कि जल संस्थान के फीडर की सप्लाई बंद न की जाए। जिससे कि पेयजल आपूर्ति प्रभावित न हो और उपभोक्ताओं को पर्याप्त मात्रा में पानी मिलता रहे।

Check Also

रूस में आतंकी हमला, 40 लोगों की मौत,100 से भी अधिक लोग हुए घायल

The Blat News: रूस की राजधानी मास्को शुक्रवार को आतंकी हमले से दहल गई। चार …