द ब्लाट न्यूज़ । चीन ने बृहस्पतिवार को पाकिस्तान और तालिबान नीत अफगानिस्तान की अंतरिम सरकार से बातचीत के जरिए अपनी चिंताओं का हल करने की अपील की।
अफगानिस्तान में किये गये पाकिस्तानी हवाई हमले में कथित तौर पर 47 अफगान नागरिकों के मारे जाने के बाद चीन ने यह कहा है।
हमले के बाद काबुल ने पाकिस्तान के समक्ष कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी।
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, “ अफगानिस्तान और पाकिस्तान करीबी पड़ोसी हैं और उनकी चीन के साथ पारंपरिक मित्रता है।” अफगानिस्तान की सीमा के अंदर से पाकिस्तानी सैनिकों पर बार-बार होने वाले आतंकी हमलों के कारण दोनों करीबी सहयोगियों के बीच सीमा पर हुई हालिया झड़पों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने यह कहा।
उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि दोनों देश बातचीत और परामर्श के माध्यम से अपनी चिंताओं को ठीक से सुलझा सकते हैं और संयुक्त रूप से शांति और अमन बनाए रख सकते हैं।”
उन्होंने चीन, पाकिस्तान, अफगानिस्तान गठबंधन बनाने की पहल पर बीजिंग की आशंकाओं के बारे में विस्तार से बताने से इनकार कर दिया।
चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने 30-31 मार्च को चीन के टुन्क्सी में अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों के विदेश मंत्रियों की तीसरी बैठक बुलाई थी, जिसमें पाकिस्तान, ईरान, रूस, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान ने हिस्सा लिया था।
इस बैठक के लिए तालिबान के अंतरिम विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी को आमंत्रित किया गया था। इसके करीब एक पखवाड़े के बाद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के अंदर हवाई हमले किये हैं।
वांग ने बाद में चीन, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के विदेश मंत्रियों की बैठक की थी, जिसमें पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भाग लिया था।
“करीबी रिश्तों” के बावजूद चीन और पाकिस्तान ने अब तक अफगानिस्तान में तालिबान की अंतरिम सरकार को मान्यता नहीं दी है।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) की ओर से बार-बार होने वाले आतंकी हमलों से पाकिस्तान परेशान है। इस्लामाबाद इस बात से नाराज़ है कि तालिबान बार-बार के अनुरोध के बावजूद टीटीपी पर कड़ी कार्रवाई नहीं कर रहा है।
वहीं, 16 अप्रैल को स्थिति उस वक्त और खराब हो गई, जब तालिबान ने पाकिस्तान पर आरोप लगाया कि उसने अफगानिस्तान के अंदर घुसकर हवाई हमले किये हैं, जिसमें अफगानिस्तान के 47 नागरिक मारे गए।