अमेरिकी साइबर सुरक्षा फर्म रिकार्डेड फ्यूचर ने अपनी एक रिपोर्ट में बड़ा दावा किया है। अमेरिकी साइबर सुरक्षा फर्म रिकार्डेड फ्यूचर की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी हैकरों ने भारत के महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे की जानकारी और भविष्य की गतिविधि के लिए लद्दाख में स्थित भारत के पावर ग्रिड को निशाना बनाया था। इस महीने की शुरुआत में जारी की गई रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, हैकर्स द्वारा जरूरी बुनियादी ढांचे और भविष्य की गतिविधि के लिए पूर्व-स्थिति के बारे में भी जानकारी एकत्र की गई है।
दरअसल, रिपोर्ट में कहा गया है कि यह लक्ष्यीकरण महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा प्रणालियों के आसपास की जानकारी एकत्र करने या भविष्य की गतिविधि के लिए पूर्व-स्थिति को सक्षम करने के इरादे से किया गया है। साथ ही रिपोर्ट में इस बात का जिक्र किया गया है कि बिजली केंद्रों में चीनी घुसपैठ का उद्देश्य इन जटिल प्रणालियों के बारे में जानकारी हासिल करना भी हो सकता है, ताकि भविष्य में इनके उपयोग की क्षमता विकसित की जा सके।
फरवरी 2021 में रिकार्डेड फ्यूचर के इंसिक्ट ग्रुप ने भारत के पावर ग्रिड के भीतर परिचालन संपत्तियों को लक्षित करने वाली घुसपैठ गतिविधि पर रिपोर्ट के बारे में कहा कि यह एक संभावित चीनी राज्य-प्रायोजित खतरे गतिविधि समूह को जिम्मेदार ठहराती है। वहीं, अमेरिकी फर्म ने चीन से जुड़े विरोधियों द्वारा भारतीय पावर ग्रिड संगठनों के निरंतर लक्ष्यीकरण का पता लगाया। हैकिंग ग्रुप ने शैडोपैड नाम के साफ्टवेयर का इस्तेमाल किया था जो पहले चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से जुड़ा हुआ था। हाल के महीनों में अमेरिकी फर्म ने कम से कम 7 भारतीय संगठनों के सिस्टम पर साइबर हमले की सूचना दी थी।
रिपोर्ट के अनुसार, घुसपैठ का यह नवीनतम तरीका है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, चीन प्रायोजित हैकरों ने पिछले आठ महीनों में केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के पास भारतीय बिजली वितरण केंद्रों को दो बार निशाना बनाया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह नवीनतम गतिविधि पहले से पहचानी गई RedEcho गतिविधि के साथ लक्ष्यीकरण और क्षमता संगतता प्रदर्शित करती है, लेकिन कुछ उल्लेखनीय अंतर भी हैं।
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