द ब्लाट न्यूज़ । ठीक एक हफ्ते पहले, कॉमेडियन लुई सी.के. ने एक ग्रैमी जीता है। कॉमेडियन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लग चुके हैं।
2017 में, पांच महिलाओं द्वारा कॉमेडियन पर यौन दुराचार के आरोप लगाए गए थे। जिसके बाद सी.के. के एजेंट, प्रचारक और प्रबंधक द्वारा इन्हें नकार दिया गया था।
वहीं नेटफ्लिक्स, एचबीओ और एफएक्स, ने कॉमेडियन के साथ सारे समझौते तोड़ दिए।
महिलाओं ने सीके पर उनके सामने मास्टरबेट करने का आरोप लगाया था। जिसके बाद सी.के. ने इसे स्वीकार किया और माफी मांगी।
सी.के. ने 2017 में अपने बयान में कहा था कि ये कहानियां सच हैं। इन महिलाओं पर मैं हावी था, वे मेरी प्रशंसा करती थी, पर मैंने अपनी पावर का गलत इस्माल किया।
अपने मुख्यधारा के करियर के पटरी से उतरने के बाद, सी.के. चुपचाप 2018 में कॉमेडी क्लबों में नई स्टैंडअप कंटेंट के साथ फिर से उभरे। हालांकि उन्हें अब प्रमुख हॉलीवुड नेटवर्क और स्टूडियो द्वारा काम नहीं दिया जा रहा था। सी.के. ने अपना काम खुद बनाया और उनके प्रशंसकों ने उनका अनुसरण किया। पिछले साल, उन्होंने देश भर में 24 शहरों में पेड कॉमेडी टूर की शुरूआत की।
पिछले हफ्ते उन्हें सर्वश्रेष्ठ कॉमेडी एल्बम के लिए ग्रैमी, श्रेणी में तीसरा और चौथा नामांकन जीता।
वहीं वैराइटी के साथ एक नए साक्षात्कार में, यौन उत्पीड़न की शिकार वोलोव का कहना है कि सी.के. की ग्रैमी जीत साबित करती है कि हैशटैग मीटू आंदोलन ने हॉलीवुड में सुर्खियां बटोरने के अलावा और कुछ नहीं किया है। पिछले कुछ वर्षों पर विचार करते हुए, वोलोव कहती हैं कि बहुत कुछ बोला गया था, लेकिन बहुत अधिक कार्रवाई नहीं की गई है, सी.के. की ग्रैमी जीत इसका का उदाहरण है।
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