नई दिल्ली: 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को बूस्टर डोज दिए जाने का अभियान रविवार को शुरू किया गया. हालांकि, पहले दिन इसकी रफ्तार धीमी रही. रविवार को 9 हजार से ज्यादा लोगों ने बूस्टर डोज लगवाई. रविवार से करीब 850 प्राइवेट अस्पतालों में बूस्टर डोज लगाना शुरू किया गया.
पहले दिन इतने लोगों ने लगवाई बूस्टर डोज
द टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, रविवार को देशभर में 9 हजार 496 लोगों ने बूस्टर डोज ली. 18 साल से ज्यादा उम्र के ऐसे लोग जिनको दूसरा टीका लगवाए हुए 9 महीने से ज्यादा हो चुके हैं ऐसे लोग बूस्टर डोज लगवा सकते हैं. अधिकतर अस्पताल आज (सोमवार को) से बूस्टर लगवाने की सुविधा शुरू करेंगे.
बूस्टर डोज लगाने के लिए कितने रुपये देने होंगे?
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को एक बयान में कहा कि निजी कोविड टीकाकरण केंद्र बूस्टर डोज के लिए सेवा शुल्क के रूप में केवल 150 रुपये तक ही चार्ज कर सकते हैं. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने कहा कि हेल्थ वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 60 साल या उससे अधिक उम्र के नागरिक, सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर मुफ्त सहित किसी भी केंद्र पर बूस्टर डोज लगवा सकते हैं.
किसी नए रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं
उन्होंने ये भी कहा कि बूस्टर डोज उसी टीके की होगी, जो पहली और दूसरी डोज के रूप में दी गई थी. बूस्टर डोज के लिए किसी नए रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं होगी क्योंकि सभी लाभार्थी पहले से ही कोविन पोर्टल पर रजिस्टर्ड हैं.
दिल्ली में पिछले कुछ दिनों में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के बीच रविवार को बूस्टर डोज देने की शुरूआत की गई. हालांकि, कुछ प्राइवेट सेंटर्स पर टीकाकरण शुरू हुआ, लेकिन इसकी रफ्तार धीमी रही. अपोलो अस्पताल ने शुक्रवार को ही कहा था कि वह 11 अप्रैल से बूस्टर डोज देना शुरू करेगा, लेकिन बड़े कोविड टीकाकरण केंद्र (CVC) चलाने वाले फोर्टिस और मैक्स जैसे बड़े अस्पतालों द्वारा भी इसे आज से शुरू किए जाने की संभावना है.
स्टार इमेजिंग और पैथ लैब्स डॉ. समीर भाटी ने कहा, ‘हां, हमने बूस्टर डोज देना शुरू कर दिया है. लगभग 60 लोग बूस्टर डोज ले चुके हैं, जिनमें से अधिकांश वॉक-इन प्रक्रिया के माध्यम से आए. दोपहर तक लगभग 130 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था.’
उन्होंने कहा, ‘अधिकांश लाभार्थी वे लोग थे, जिन्हें विदेश यात्रा करनी है और इनमें ज्यादातर युवक-युवती थे. कुछ बुजुर्ग भी थे, जो अन्य बीमारियों से ग्रसित हैं. लेकिन पहले दिन बड़े पैमाने पर युवा बूस्टर डोज लगवाने आए.’