द ब्लाट न्यूज़ । सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एनिमेशन, दृश्य प्रभाव, गेमिंग एवं कॉमिक (एवीजीसी) क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक कार्यबल के गठन की शुक्रवार को घोषणा की। इस कार्यबल की अध्यक्षता सूचना एवं प्रसारण सचिव करेंगे और यह 90 दिन में पहली कार्ययोजना पेश करेगा। मंत्रालय ने यह जानकारी एक बयान में दी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फरवरी में अपने बजट भाषणा में घोषणा की थी कि एनिमेशन, दृश्य प्रभाव, गेमिंग और कॉमिक (एवीजीसी) क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक कार्यबल का गठन किया जाएगा। उन्होंने कहा था कि एवीजीसी क्षेत्र में युवाओं को रोजगार देने की अपार संभावनाएं हैं और सभी हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श कर एक कार्यबल का गठन किया जाएगा जो बाजार और वैश्विक मांग के लिए घरेलू क्षमता का निर्माण करेगा।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एवीजीसी को बढ़ावा देने के लिए कार्यबल के गठन की घोषणा करते हुए आज एक बयान में कहा कि भारत के पास एनिमेशन, दृश्य प्रभाव, गेमिंग और कॉमिक क्षेत्र में “क्रिएट इन इंडिया” और “ब्रांड इंडिया” के तहत अग्रणी भूमिका निभाने की क्षमता है।
मंत्रालय के अनुसार, भारत के पास इस क्षेत्र में लगभग 25-30 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि और सालाना 1,60,000 से अधिक रोजगार के नए अवसर सृजित करने के साथ ही वर्ष 2025 तक वैश्विक बाजार की पांच प्रतिशत हिस्सेदारी (लगभग 40 अरब डॉलर) हासिल करने की क्षमता है।
बयान में कहा गया कि एवीजीसी प्रोत्साहन कार्यबल का नेतृत्व सूचना एवं प्रसारण सचिव करेंगे और इसमें कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय, उच्च शिक्षा मंत्रालय, इलेक्ट्रानिक्स एचं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय तथा उद्योग एवं आंतरिक कारोबार प्रोत्साहन विभाग के सचिव शामिल होंगे।
मंत्रालय ने कहा कि एवीजीसी प्रोत्साहन कार्यबल पहली कार्य योजना 90 दिन में पेश करेगा।
बयान के अनुसार, इसमें उद्योग भागीदार के रूप में टेक्निकलर इंडिया के कंट्री हेड बीरेन घोष, पुनारयुग आर्टविजन प्राइवेट लिमिटेड के संस्थापक आशीष कुलकर्णी, एनी ब्रेन के संस्थापक जे के मूर्ति, रेडचिलीज के सीओओ केतन यादव, व्हिसलिंग वुड्स इंटरनेशनल के मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी चैतन्य चिंचलीकर, जे यंग इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष किशोर किचिली और हंगामा डिजिटल मीडिया एंटरटेन्मेंट के प्रबंध निदेशक नीरज राय शामिल हैं।
एवीजीसी प्रोत्साहन कार्यबल में कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना सरकार के अलावा एआईसीटीई, एनसीईआरटी जैसी शैक्षणिक संस्थाओं के प्रमुख तथा फिक्की, सीआईआई, एमईएससी जैसे उद्योग संघों के प्रतिनिधि भी शामिल हैं।
इस कार्यबल को राष्ट्रीय एवीजीसी नीति तैयार करने के साथ संबंधित क्षेत्रों में स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट पाठ्यक्रमों के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम रूपरेखा एवं शैक्षणिक संस्थानों, व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्रों और उद्योग जगत के सहयोग से कौशल निर्माण पहलों की सुविधा के बारे में सिफारिश करने का दायित्व सौंपा गया है।
कार्यबल को भारतीय एवीजीसी उद्योग की वैश्विक पहुंच को विस्तार देने के लिए प्रचार-प्रसार और बाजार विकास गतिविधियों के आयोजन तथा क्षेत्र में एफडीआई को आकर्षित करने के लिए निर्यात में वृद्धि और प्रोत्साहन पैकेज की सिफारिश करनी है।
गौरतलब है कि संसद में मार्च महीने में पेश संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति की रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से आग्रह किया था कि कोविड के मद्देनजर लॉकडाउन के दौरान विकास ग्राफ के मद्देनजर वह एवीजीसी क्षेत्र को प्रोत्साहित करे।