द ब्लाट न्यूज़। यूक्रेन में युद्ध को लेकर यूरोपीय संघ के देश ऊर्जा उद्योग पर पहले प्रतिबंध के तहत रूसी कोयले पर प्रतिबंध लगाने पर सहमत हुए हैं लेकिन उसने रेखांकित किया कि 27 देशों ने तेल और प्राकृतिक गैस पर व्यापक प्रतिबंध लगाने में असमर्थता जताई है। तेल और प्राकृतिक गैस पर प्रतिबंध लगने से रूस के लिए परेशानी हो सकती है।
यूरोपीय संघ के कार्यकारी आयोग ने कहा कि कोयले पर प्रतिबंध से रूस को प्रति वर्ष चार अरब यूरो (4.4 अरब डॉलर) का नुकसान हो सकता है। वहीं ऊर्जा विश्लेषकों और कोयला आयातकों का कहना है कि यूरोप रूसी आपूर्ति की जगह अगले कुछ महीनों में अमेरिका सहित अन्य देशों से इसका आयात कर सकता है।
यूरोपीय संघ का यह कदम अहम है। यह तय है कि पहले से ही रिकॉर्ड स्तर पर पहुंची मुद्रास्फीति में और इजाफा होगा। लेकिन प्राकृतिक गैस और तेल की तुलना में, कोयले पर रोक लगाना सबसे आसान है और इससे रूस और यूरोपीय अर्थव्यवस्था को बहुत कम नुकसान होगा। यूरोपीय संघ रूस को कोयले के लिए प्रति दिन दो करोड़ डॉलर तथा तेल एवं गैस के लिए प्रतिदिन 85 करोड़ डॉलर का भुगतान करता है।
यूक्रेनी शहर बुचा की भयावह तस्वीरें सामने आने के बाद व्यापक प्रतिबंधों की चर्चा को बल मिला है और यूरोपीय संघ के अधिकारियों ने कहा कि वे रूसी तेल को निशाना बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं।
एक ओर यूरोपीय संघ अतिरिक्त प्रतिबंधों पर विचार कर रहा है तो वहीं इटली ने कहा है कि रूसी प्राकृतिक गैस पर प्रतिबंध पर अभी कोई विचार नहीं किया जा रहा है।
प्राकृतिक गैस की तुलना में तेल पर प्रतिबंध लगाना आसान होगा क्योंकि कोयले की तरह, तेल का भी एक बड़ा वैश्विक बाजार है और इसकी आपूर्ति ज्यादातर पोतों से होती है जबकि गैस की आपूर्ति पाइपलाइन से होती है।
हालांकि इसका एक अन्य आयाम भी है। रूस दुनिया का सबसे बड़ा तेल निर्यातक है और वैश्विक आपूर्ति में उसकी हिस्सेदारी 12 प्रतिशत है। यूरोपीय बाजार से रूसी तेल को हटाने से सऊदी अरब जैसे अन्य निर्यातक कीमतें बढ़ा सकते हैं।
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