श्रीलंका में आर्थिक संकट: पूर्व क्रिकेटर जयसूर्या ने भारत को बताया बड़ा भाई

द ब्लाट न्यूज़। श्रीलंकाई क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सनथ जयसूर्या ने अपने देश के मौजूदा हालात को लेकर चिंता जाहिर की है। जयसूर्या ने श्रीलंका में गंभीर आर्थिक संकट को लेकर सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे लोगों का समर्थन किया है। उन्होंने ने देश की स्थिति को “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया है। पूर्व क्रिकेटर ने भारत को बड़ा भाई बताया है। उन्होंने कहा कि हमारे देश के पड़ोसी और बड़े भाई के रूप में भारत ने हमेशा हमारी मदद की है। हम भारत सरकार और पीएम मोदी के आभारी हैं। हमारे लिए, मौजूदा परिदृश्य के कारण जीवित रहना आसान नहीं है। हम भारत और अन्य देशों की मदद से इससे बाहर निकलने की उम्मीद करते हैं।

समाचार एजेंसी एएनआइ से बात करते हुए जयसूर्या ने कहा कि देश के लोग कई महीनों से इस स्थिति से गुजर रहे हैं। जयसूर्या ने कहा, ‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोग इस स्थिति से गुज़र रहे हैं। वे इस तरह जीवित नहीं रह सकते और विरोध करना शुरू कर दिया है। गैस की किल्लत है और घंटों बिजली की आपूर्ति नहीं है।’ उन्होंने आगे कहा कि लोगों ने अब श्रीलंकाई सरकार के खिलाफ विरोध करना शुरू कर दिया है। वे सरकार को दिखा रहे हैं कि वे पीड़ित हैं। इसकी जिम्मेदारी मौजूदा सरकार की है। स्थिति को ठीक नहीं किया गया तो ये आपदा में बदल जाएगी।

पूर्व क्रिकेटर ने लोगों से शांतिपूर्ण विरोध करने की अपील की है। उन्होंने ये भी कहा कि विरोध करने वाले असली लोग हैं, वे सरकार को बता रहे हैं कि वे पीड़ित हैं। जयसूर्या ने देश में आर्थिक संकट के लिए मौजूदा सरकार को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि फिलहाल ये जिम्मेदारी सरकार की है। श्रीलंका के लोगों में बहुत आस्था और विश्वास था। वर्तमान सरकार ने जो किया है वो पिछले तीन से चार महीने में अच्छा नहीं हुआ। दुर्भाग्य से, यह सब लोग वर्तमान सरकार को दोष दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि श्रीलंका के लोगों को दैनिक उपयोग के लिए आवश्यक वस्तुओं को प्राप्त करने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। हम इन चीजों को होते हुए नहीं देखना चाहते। डीजल, गैस और मिल्क पाउडर के लिए 3-4 किलोमीटर की लंबी लाइनें लग रही हैं। यह वास्तव में दुखद है।

 

Check Also

रूस में आतंकी हमला, 40 लोगों की मौत,100 से भी अधिक लोग हुए घायल

The Blat News: रूस की राजधानी मास्को शुक्रवार को आतंकी हमले से दहल गई। चार …