आरटीआई कानून: केंद्र ने कहा, 2275 लोक प्राधिकरणों में से 754 ने स्वत: लेखा परीक्षा कराया…

द ब्लाट न्यूज़। केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में बताया कि सूचना का अधिकार कानून के तहत की गई व्यवस्था के तहत कुल 2275 लोक प्राधिकरणों में से 754 ने स्वत: ही अन्य पक्षकार द्वारा लेखा परीक्षा करावाई। यह जानकारी कार्मिक व लोक शिकायत मामलों के मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक सवाल के लिखित जवाब में दी।

उन्होंने कहा कि आरटीआई अधिनियम की धारा 4(2) के अनुसार प्रत्येक लोक प्राधिकरण का निरंतर यह प्रयास होगा कि वह स्वप्रेरणा से इंटरनेट सहित संचार के विभिन्न माध्यमों से नियमित अंतराल पर जनता को अधिक से अधिक सूचना प्रदान करने के लिए कदम उठाए ताकि जनता को सूचना प्राप्त करने के लिए इस अधिनियम का कम से कम सहारा लेना पड़े।

मंत्री ने कहा कि इन प्रावधानों का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के लिए 15 अप्रैल 2013 को शुरुआती दिशा निर्देश जारी किए गए थे, जिन्हें बाद में वर्ष 2016 और वर्ष 2019 में संशोधित किया गया था।

ये दिशा निर्देश अन्य बातों के साथ-साथ लोक प्राधिकरणों द्वारा स्वत: ही आगे आकर अन्य पक्षकारों द्वारा लेखा परीक्षा का प्रावधान करते हैं।

लोक प्राधिकरणों की अन्य पक्षकारों द्वारा लेखा परीक्षा संपन्न कराने को सुविधाजनक बनाने के लिए केंद्रीय सूचना आयोग ने पारदर्शिता लेखा परीक्षा के लिए एक सॉफ्टवेयर भी तैयार किया है।

सिंह ने बताया कि वर्ष 2020-2021 के दौरान 2275 लोक प्राधिकरणों में से 754 ने दिशा निर्देशों के मुताबिक स्वत: ही अन्य पक्षकार द्वारा लेखा परीक्षा कराई।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2018-2019 के दौरान 2145 लोक प्राधिकरणों में से 838 की नमूना लेखा परीक्षा, एक पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त और एक पूर्व सूचना आयुक्त वाली समिति द्वारा की गई थी।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इसके परिणामों को संबंधित लोक प्राधिकरणों के साथ साझा भी किया गया था।

 

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