द ब्लाट न्यूज़। रूस ने कहा है कि यूरोपीय देशों द्वारा उसके राजनयिकों के निष्कासन पर मास्को भी जवाबी कदम उठाएगा तथा इससे अंतरराष्ट्रीय संबंध जटिल होंगे।
जर्मनी, फ्रांस, इटली और स्पेन उन देशों में शामिल हैं, जिन्होंने सोमवार को रूसी राजनयिकों को निष्कासित कर दिया। रूस के राष्ट्रपति कार्यालय ‘क्रेमलिन’ के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने कहा, ‘‘हम इसे नकारात्मक रूप से देखते हैं। हमें अफसोस है कि ऐसी कठिन परिस्थितियों में राजनयिक संवाद के माध्यम को सीमित किया जा रहा है।’’
उन्होंने कहा कि ‘‘यह अदूरदर्शी और ऐसा कदम है जो सबसे पहले हमारे संवाद को जटिल बनाएगा, जो सुलह की तलाश के लिए आवश्यक है। दूसरी बात…इसके बदले में जवाबी कदम उठाए जा सकते हैं।’’
माली की सेना और विदेशी सैनिकों ने 300 लोगों की हत्या की: ह्यूमन राइट्स वॉच
डकार (सेनेगल), 05 अप्रैल (वेब वार्ता)। माली की सेना और विदेशी सैनिकों, विशेष रूप से संदिग्ध रूसी सैनिकों ने हाल में मध्य माली के मोउरा में 300 लोगों की हत्या कर दी, जिनमें से कुछ चरमपंथी लड़ाके थे। हालांकि मारे गए ज्यादातर लोग आम नागरिक थे। मानवाधिकार समूह ह्यूमन राइट्स वॉच ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
समूह ने कहा कि माली में बीते 10 साल से इस्लामी चरमपंथियों के खिलाफ जारी सशस्त्र संघर्ष में यह अब तक की सबसे बदतर कार्रवाई है। समूह ने इस मामले पर विभिन्न प्रत्यक्षदर्शियों से बात की है।
माना जा रहा है कि इनमें से ज्यादातर लोगों की हत्या मार्च के अंत में रूसी सैनिकों ने की।
अमेरिकी सेना ने जनवरी में पुष्टि की थी कि चरमपंथी विद्रोहियों से लड़ने में मदद के लिए भाड़े पर कई सौ रूसी सैनिकों को माली में तैनात किया गया है।
ह्यूमन राइट्स वॉच के अनुसार मार्च के अंत में हुई मोउरा की घटना में माली के सैनिकों और विदेशी सैनिकों ने कई सौ लोगों को घेर लिया और उनमें से लगभग 300 की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद उन्होंने कई लोगों को सामूहिक कब्रों में दफन कर दिया और कई अन्य के शवों को जला दिया।