द ब्लाट न्यूज़ । विपक्षी अन्नाद्रमुक ने मंगलवार को पूरे तमिलनाडु में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया और राज्य सरकार से संपत्ति कर में संशोधन को तुरंत वापस लेने की मांग की। पार्टी का दावा है यह ‘सुनामी की लहर’ की तरह लोगों को प्रभावित करेगा।
सत्तारूढ़ द्रमुक पर नगर निकायों के लिए राजस्व जुटाने के लिए संपत्ति कर में 150 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव करने का आरोप लगाते हुए, विधानसभा में विपक्ष के नेता के पलानीस्वामी ने कहा कि केंद्र ने राज्यों को कर ढांचे को संशोधित करने का निर्देश नहीं दिया है।
तिरुचिरप्पली में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पलानीस्वामी ने कहा, “द्रमुक ने जानबूझकर कर बढ़ाया है और अब केंद्र पर आरोप लगाकर इससे बचने की कोशिश कर रही है।”
शनिवार को, राज्य सरकार ने संपत्ति कर में संशोधन की घोषणा की और संपत्ति के क्षेत्र को निर्धारित करने के लिए चार स्लैब पेश किए।
तमिलनाडु विधानसभा के चुनाव अब से करीब दो साल बाद लोकसभा चुनाव के साथ कराए जाने का संकेत देते हुए पलानीस्वामी ने कहा, ”एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर केंद्र का प्रस्ताव जोर पकड़ रहा है और संभावना है कि जल्द ही चुनाव होंगे। मुख्यमंत्री एम के स्टालिन को बचे हुए समय का उपयोग लोगों के लिए अच्छे काम करने के लिए करना चाहिए।”
पार्टी के वरिष्ठ नेता पनीरसेल्वम ने कहा कि तत्कालीन अन्नाद्रमुक सरकार ने जब संपत्ति कर में संशोधन की घोषणा की तो स्टालिन ने इसे निरस्त करने की मांग की थी।
उन्होंने कहा, ‘हमने तब इस कदम को वापस ले लिया था। लेकिन अब द्रमुक ने अन्यायपूर्ण कर वृद्धि की घोषणा की है। इसे वापस लिया जाना चाहिए अन्यथा जब तक सरकार इसे वापस नहीं लेगी तब तक पूरे तमिलनाडु में विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।”
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