द ब्लाट न्यूज़। राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के उपनेता राजेन्द्र राठौड ने मंगलवार को करौली हिंसा को सुनियोजित तरीके से हमला बताते हुए कहा कि जलूस मार्ग पर अचानक हमला होना निश्चित तौर पर पुलिस प्रशासन की विफलता है।
राठौड ने यहां प्रदेश भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि करौली में नवसंवत्सर पर शनिवार को निकाली गई रैली से पूर्व सैकडों मन पत्थर पूर्व में एकत्रित किये जाते हैं, जुलूस मार्ग पर अचानक मकान की छतों से हमला होता है, हमले के लिये पहले से लाठी, तलवार, और डंडे एकत्रित किये जाते हैं और घटना के 45 मिनट बाद अतिरिक्त पुलिस बल पहुंचता है यानी निश्चित तौर पर यह पुलिस प्रशासन की विफलता है।
उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा पर दिये बयान को उनकी कुंठित मानसिकता का परिचायक बताते हुए कहा कि यह बयान न केवल हास्यासपद है बल्कि गैर जिम्मेदाराना है।
उल्लेखनीय है कि नड्डा के हाल में सवाईमाधोपुर के दौरे पर गहलोत ने सोमवार को कहा था ‘‘ये आग लगाने के लिए आते हैं, (ये) पूरे देश में आग लगा रहे हैं… ये आए.. आग लग गई। ये ऐसा ही माहौल बना रहे हैं। ये संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं, लोकतंत्र में इनको यकीन नहीं है, इन्होंने देश के अंदर हिन्दू-मुस्लिम कर दिया है।’’
राठौड ने प्रतिबंधित पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की एक चिट्ठी का जिक्र करते हुए कहा कि संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद ने एक अप्रैल को मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक को एक पत्र लिखा और यह कहा कि दो अप्रैल से चार अप्रैल तक प्रदेशभर मे तनाव पैदा होगा और सांप्रदायिक सद्भाव भी बिगडेगा , उसके बाद भी राज्य सरकार ने उसका कोई संज्ञान नहीं लिया।
वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि राज्य में राजनीतिक चश्मों से अपराधियों को अलग-अलग कर देखा जाता है, इससे बड़ा कोई दुर्भाग्य कोई हो नहीं सकता।