पास आउट हुए दिल्ली पुलिस में शामिल हुए दानिप्स के तीन अधिकारी…

-तीनों अधिकारियों की पासिंग आउट परेड और शपथ ग्रहण का हुआ आयोजन
-तीनों को दिल्ली पुलिस में दिया गया एसीपी रैंक

द ब्लाट न्यूज़ । पासिंग आउट परेड व व शपथ ग्रहण के बाद सोमवार को दिल्ली पुलिस मुख्यालय के आदर्श हॉल में 21वें बैच के दानिप्स (प्रोबेशनर) अधिकारियों के लिए एक समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में सफलतापूर्वक एक साल का बुनियादी प्रशिक्षण पूरा करने वाले तीनों अधिकारियों को विधिवत्त सेवाओं में शामिल किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में पुलिस आयुक्त राकेश अस्थाना उपस्थित थे। साथ ही स्पेशल सीपी एस सुंदरी नंदा, डीपीए निदेशक ऋषि पाल सहित दिल्ली पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी भी समारोह में शामिल हुए।

इस अवसर पर सीपी ने अपने संबोधन में प्रभावी और कुशल पुलिस कामकाज के लिए सभी पुलिस कर्मियों के लिए शारीरिक फिटनेस और ड्रिल अभ्यास के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने बुनियादी प्रशिक्षण को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए तीनों अधिकारियों को बधाई दी। साथ ही विभिन्न सेवाओं में काम करते हुए दिल्ली, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, लक्षद्वीप, दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव पुलिस सेवा (दानिप्स) में शामिल होने के लिए यूपीएससी के माध्यम से उपलब्धि को प्राप्त करने वाले इन सभी अधिकारियों के उत्साह की सराहना की।

पासआउट के बाद मिले हैं तीनों को एसीपी रैंक
पास आउट के बाद अधिकारियों को दिए जाने वाले एसीपी दिया जाता है। यह एक पर्यवेक्षी रैंक है। इसलिए व्यावहारिक प्रशिक्षण महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि यह पुलिस के काम करने की बुनियादी बारीकियों को समझने का अवसर देता है। जैसे कि पुलिस रजिस्टर बनाए रखना, जांच करना, चार्जशीट तैयार करना और अदालतों में अनुवर्ती कार्रवाई करना आदि। सीपी ने इस व्यावहारिक प्रशिक्षण के दौरान पुलिस के परिश्रम से काम करने के बुनियादी सिद्धांतों को सीखने का आह्वान किया ताकि वे प्रभावी पर्यवेक्षी अधिकारी बन सकें। साइबर अपराध, आतंकवाद, ड्रग्स और उग्रवाद जैसे गैर-पारंपरिक और विशिष्ट अपराध एक चुनौती है। पुलिस कर्मियों को जांच, साक्ष्य एकत्र करने नई तकनीकों को अपनाते हुए अपराध प्रवृत्तियों, उसके पैटर्न का विश्लेषण करने पर कड़ी मेहनत करके उनसे निपटने की आवश्यकता है।

आम लोगों को जोडऩे और अपराधियों को दूर करने की जरूरत
उन्होंने कहा कि वर्तमान पुलिस व्यवस्था में अपराध से लडऩे के लिए आम लोगों जुडऩे और आपराधिक प्रवृत्ति वाले लोगों को दूर करने की जरूरत है। आम लोगों को आधुनिक पुलिसिंग में प्रोत्साहित कर शामिल किया जाय तो न केवल वह हमारी आंख और कान बन जाएंगे बल्कि पुलिस की क्षमता को भी की गुणा बढा देंगे। एक पुलिसकर्मी से यह अपेक्षा की जाती है कि वह कानून के दायरे में काम करते हुए समाज के कमजोर और जरूरतमंद वर्गों के साथ सहानुभूति रखेंगे। पर उनके कार्यशैली से आदतन और खूंखार अपराधियों में कानून का डर होना चाहिए।

अलग-अलग विभागों में दे रहे थे सेवा
दिल्ली पुलिस अकादमी से अपना बुनियादी प्रशिक्षण पूरा करने के बाद 03 दानिप्स (प्रोब) अधिकारी संदीप, पी अभिनंदन और फिरोज आलम को शामिल किया गया। संदीप ने बीकॉम की डिग्री ली हुई है और गुजरात से संबंधित हैं। वह गुजरात लेखा सेवाओं के साथ कार्यरत थे। पी अभिनंदन ने बीटेक किया हुआ है और तमिलनाडु से हैं। वह वित्त मंत्रालय में ग्रेड-ए अधिकारी के रूप में कार्यरत थे। फिरोज आलम ने एमए की डिग्री हासिल की हुई है उत्तर प्रदेश से हैं। वह दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल (2010 बैच) रह चुके हैं। प्रशिक्षण के दौरान पी. अभिनंदन को ऑल राउंड बेस्ट कैडेट चुना गया।

प्रशिक्षण में उन्हें दिया गया अधुनिक तकनीक के साथ ही हैंड कॉमबैट प्रशिक्षण
प्रशिक्षण के दौरान सभी अधिकारियों को कानून और पुलिस प्रक्रियाओं के अलावा, उन्हें अपने दैनिक कामकाज के लिए उपयोगी विषयों के व्यापक स्पेक्ट्रम का ज्ञान प्रदान किया गया है। इसमें पुलिस विज्ञान, कंप्यूटर विज्ञान, साइबर अपराध, अपराध विज्ञान, व्यक्तित्व विकास आदि की विषय शामिल थे। यही नहीं इस दौरान इनके लिए साइबर अपराध, फोरेंसिक, ऑटोप्सी सर्जन और कुछ न्यायिक अधिकारियों जैसे विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों के व्याख्यान की व्यवस्था की गई थी। साथ ही उन्हें आतंकवाद विरोधी उपायों में कौशल के अलावा आधुनिक हथियारों से बिना सशस्त्र मुकाबला और फायरिंग में भी प्रशिक्षित किया गया है। इस समारोह में सभी महिला कर्मियों वाली पहली निशान टोली परेड मुख्य आकर्षण थी। इस अवसर पर पुलिस अकादमी की प्रशिक्षण गतिविधियों को दर्शाने वाली एक लघु फिल्म भी दिखाई गई।

 

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