द बलात न्यूज़। कंझावला में रविवार शाम को बदमाशों ने 62 वर्षीय बुजुर्ग की गोली मारकर हत्या कर दी। मृतक की पहचान रामेश्वर के रूप में हुई है। रामेश्वर अपने बेटे की हत्या के गवाह थे और जल्द ही मामले में उनकी गवाही होने वाली थी। जेल में बंद हत्यारोपी लगातार गवाही से मुकरने के लिए दबाव बना रहा था।
जानकारी के अनुसार, घेवरा गांव में रामेश्वर की परचून की दुकान है। रविवार को वह अपनी दुकान में बैठे हुए थे। तभी बाइक सवार तीन युवक आए और करीब छह राउंड फायरिंग की, जिसमें रामेश्वर गंभीर रूप से घायल हो गए। अचानक हुई फायरिंग से इलाके में भगदड़ मच गई और लोग इधर-उधर भागने लगे। इसका फायदा उठाकर हमलावर आराम से फरार हो गए। हमलावरों के जाने के बाद स्थानीय लोगों ने बुजुर्ग को अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसकी मौत हो गई। पुलिस ने हत्या का केस दर्ज कर जांच शुरू की।
वर्ष 2020 में रामेश्वर का बेटा सोमवीर अपनी दुकान पर बैठा हुआ था। तभी गांव के कुख्यात बदमाश कर्मवीर उर्फ काला का साला विकास कोल्ड ड्रिंक लेने पहुंचा। सोमवीर ने रुपये मांगे तो विकास ने जीजा की धौंस दिखाई और रुपये देने से मना कर दिया। तब लोगों ने मामले को शांत करा दिया। रात को सोमवीर और रामेश्वर दुकान बंद कर घर जा रहे थे तभी रास्ते में विकास, कर्मवीर और उसके साथी उमेश ने घेर लिया और अंधाधुंध फायरिंग कर सोमवीर की हत्या कर दी। इस मामले में सभी जेल में बंद हैं।
परिजनों के अनुसार, रामेश्वर को जेल में बंद कर्मवीर गवाही नहीं देने के लिए धमकी दे रहा था। लेकिन रामेश्वर ने गवाही देने की जिद नहीं छोड़ी थी। पुलिस के अनुसार, बुजुर्ग की हत्या जेल में बंद कर्मवीर के इशारे पर कराई गई है, क्योंकि जल्द ही सोमवीर की हत्या के मामले में गवाही होने वाली थी। फिलहाल, पुलिस मौके पर लगे सीसीटीवी कैमरे की फुटेज खंगाल हमलावरों की पहचान का प्रयास कर रही है।