जिले 15 की जगह हो सकते है 18 से ज्यादा, रेंज 6 की जगह होगीं 9…

द ब्लाट न्यूज़। राजधानी में क्रॉइम को कम करके दिल्लीवासियों को एक सुरक्षित शहर देने की कोशिश में दिल्ली पुलिस समय समय पर कई ऑपरेशन व योजनाओं पर काम कर रही है। इन योजनाओं के तहत कई प्रोजेक्ट पर कार्य किया गया,लेनिक मौजूदा बढ़ती जनसंख्या और बढ़ते क्राइम के बाद पुलिस आयुक्त ने एक बड़ी पहल करते हुए जल्द राजधानी में दिल्ली पुलिस के 15 जिलों की संख्या को और बढ़ाने पर काम शुरु किया है। यही नहीं जल्द ही दिल्ली में अब 6 रेंज की जगह पर 9 रेंज बनाई जाएगीं।

एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक पुलिस कमिश्नर खुद चाहते है अपराध के आंकड़ों में कमी आए,इसी संबंध में शीर्ष स्तर पर बैठक हुई,जिसमें बात सामने आई कि जनसंख्या बढ़ी है,लेकिन कई सालों से न तो थानों की संख्या को बढ़ाया गया और न ही रेंज,यही नहीं फोर्स भी मानकों से कम है,जिसके कारण कई दिक्क्तें आ रही है। इसी के चलते नए जिलों और रेंज पर काम शुरु किया गया है। बताया जाता है कि इसलिए 200 थानों के लिए 15 की जगह 18/19 जिले बनाने पर विचार किया जा रहा है।

नई व्यवस्था के तहत प्रत्येक 10 से 12 थानों की जिम्मेदारी एक डीसीपी के पास रहेगी तो वह ‘यादा बेहतर तरीके से इन्हें संभाल सकेंगे। इसी तरह 18/19 जिलों के बनने पर 9 रेंज को बनाने पर विचार चल रहा है। प्रत्येक संयुक्त आयुक्त को दो जिले की जिम्मेदारी दी जाएगी ताकि वह भी बेहतर ढंग से इन जिलों का सुपरविजन कर सकें। सूत्रों ने बताया कि जिलों की संख्या बढ़ाने के लिए कुछ थानों को जिलों से अलग करने पर विचार किया जा रहा है। अधिकांश जिलों से 2 से 3 थानों को बाहर निकाला जा सकता है। सूत्रों ने बताया कि इन्हीं थानों को मिलाकर नए जिले बनाये जाएंगे। इसके लिए जिले के बाहरी हिस्सों में मौजूद थानों को चुना जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि यह रिसर्च जल्द ही पूरी कर ली जाएगी और इसके बाद जिलों को बनाने का काम पूरा किया जाएगा।

अभी ये है व्यवस्था : दिल्ली में अभी के समय में 2 सौ से ज्यादा थाने बने हुए हैं। प्रत्येक 12 से 15 थानों पर पुलिस का एक जिला बना है जिसे डीसीपी स्तर के अधिकारी संभालते हैं। दिल्ली पुलिस के कुल 15 जिले अभी बने हुए हैं। इन 15 जिलों के ऊपर 6 रेंज बनी हुई हैं जिन्हें संयुक्त आयुक्त स्तर के अधिकारी देखते हैं। प्रत्येक संयुक्त आयुक्त के पास दो से तीन जिले की जिम्मेदारी है। दिल्ली में अभी के समय में दो जोन बने हुए हैं जिन्हें विशेष आयुक्त स्तर के अधिकारी संभालते हैं। प्रत्येक स्पेशल सीपी जोन के पास 7 से 8 जिले का कार्यभार है।

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