द ब्लाट न्यूज़। आयकर विभाग द्वारा दिल्ली-एनसीआर में कार्यरत एक प्रमुख ऑटोमोबाइल कंपनी के 35 परिसरों पर 23 मार्च को की गई छापेमारी में 1.35 करोड़ रुपये की अघोषित नकदी जब्त की गई। इसके साथ ही तीन करोड़ रुपये के आभूषणों पर अस्थायी रोग लगा दी गई। 23 मार्च को की गई छापेमारी में 800 करोड़ रुपये गलत तरीके से व्यय करने का भी पता चला है।
विभाग ने आज यहां जारी बयान में कहा कि 23 मार्च को दिल्ली-एनसीआर की एक प्रमुख ऑटोमोबाइल समूह के यहां छापेमारी की गई जो रियल एस्टेट के साथ ही चार्टर्ड विमान परिचालन के क्षेत्र में भी कार्यरत है। विभाग ने दिल्ली- एनसीआर में एक साथ 35 परिसरों में छापेमारी की थी। तलाशी में दौरान कई तरह के दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए, जिससे कारोबार के उद्देश्य से व्यय दिखाए गए हैं लेकिन इसके लिए पूर्ण साक्ष्य नहीं है। इसके तरह के 800 करोड़ रुपये से अधिक के व्यय हैं जो एक विशेष इवेंट मैनेंजमेंट कंपनी से ली गई सेवाओं के लिए भुगतान दिखा गया है। इस तरह से इस कंपनी ने धनराशि का गबन किया है जो आयकर कानून के प्रावधानों के अनुसार गैर कारोबारी उद्देश्य से व्यय के दावे को पुख्ता नहीं करते हैं।
जांच के दौरान पता चला है कि दिल्ली में कई कागजी कंपनियों से 10 एकड भूमि खरीदी गई है। इस तरह के व्यवसाय में 60 करोड़ रुपये के लेन-देन शामिल है। इस भूमि सौदे का असली लाभार्थी संबंधित ऑटोमोबाइल समूह के प्रमुख व्यक्ति हैं। इस सौदे को पूरा करने वालों ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि इस भूमि सौदे में अधिकांश नकदी में लेन-देन हुई। तलाशी के दौरान यह भी पता चला है कि समूह की रियल एस्टेट इकाई ने विभिन्न परियोजनाओं की बिक्री में भी नकदी में लेन-देन हुई है। समूह के चार्टर्ड विमान के परिचालन में भी फर्जी बुकिंग किए जाने और इस तरह से 50 करोड़ रुपये की आय दिखाए जाने के प्रमाण मिले हैं। उल्लेखनीय है कि दोपहिया वाहन बनाने वाली प्रमुख कंपनी हीरो मोटोकॉर्प के प्रमुख पवन मुंजाल के यहां हाल ही में विभाग ने छापेमारी की थी।