-मंच ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर की कार्रवाई की मांग
द ब्लाट न्यूज़। स्कूल प्रबंधकों ने एक अप्रैल 2022 से शुरू हो रहे नए शिक्षा सत्र में स्कूल फीस में काफी बढ़ोतरी कर दी है। इससे अभिभावक ऐसे ही परेशान हैं। वहीं अब स्कूल संचालकों ने एनसीईआरटी की किताबों की जगह प्राइवेट पब्लिशर्स की महंगी किताबों को खरीदवाने से उनकी परेशानी को और बढ़ा दिया है।
अभिभावकों का कहना है कि जब पेपर एनसीईआरटी की किताबों के सिलेबस के आधार पर आता है तो फिर स्कूलों में प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबें क्यों लगाई जा रही है। वैसे भी प्राइवेट प्रकाशकों की किताबों की कीमत एनसीईआरटी की किताबों से काफी ज्यादा है। अभिभावकों का यह भी आरोप है कि जो कॉपी बाजार में 20 की मिल रही है, स्कूल वाले उसके कवर पेज पर अपने स्कूल का नाम लिखकर उसे 60 में बेच रहे हैं। नए छात्र पुराने छात्रों से किताब से पढ़ाई ना कर सकें इसके लिए पुरानी किताबों के एक दो पाठ्यक्रम को बदल दिया गया है। यानी स्कूल संचालक लूटने का हर प्रकार का हथकंडा अपना रहे हैं।
हरियाणा अभिभावक एकता मंच ने भी स्कूल संचालकों पर आरोप लगाया है कि वे अपने स्कूल में नियमानुसार एनसीईआरटी की किताबें न लगाकर कमीशन खाने के चक्कर में प्राइवेट प्रकाशकों की महंगी व मोटी किताबें लगा रहे हैं। अभिभावकों पर उन्हीं को अपने स्कूल के अंदर खुली दुकानों या बाहर अपनी बताई गई दुकानों से ही खरीदने का दबाव डाल रहे हैं। बाजार में जो कॉपी या स्टेशनरी कम दाम में मिलती है उसे भी अपनी बताई गई दुकान से ही महंगे में खरीदवाने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जिन किताबों की कोई जरूरत नहीं है, उन्हें भी खरीदने के लिए कहा जा रहा है।
हरियाणा अभिभावक एकता मंच के प्रदेश महासचिव कैलाश शर्मा ने कहा है कि स्थानीय शिक्षा विभाग के अधिकारियों को इन सब बातों की जानकारी है, लेकिन वे मौन साधे हुए हैं। मंच की ओर से जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर स्कूलों की इन मनमानी की जांच करके दोषी स्कूल संचालकों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की गई है।
शर्मा ने अभिभावकों से कहा है कि वे नियम के मुताबिक सिर्फ एनसीईआरटी की किताबें ही खरीदें, इसके अलावा कॉपी एवं स्टेशनरी जहां से भी सस्ती मिलती है वहीं से खरीदें। ऐसा करने पर अगर स्कूल प्रबंधक उन्हें परेशान करते हैं तो वे तुरंत जिला शिक्षा अधिकारी के पास लिखित में शिकायत दर्ज करें और उसकी एक कॉपी मंच के जिला कार्यालय चेंबर नंबर 56 जिला अदालत फरीदाबाद में भी दें, जिससे दोषी स्कूलों के खिलाफ उचित कार्रवाई कराई जा सके।