-बंशी पहाड़पुर सेंड स्टोन खनन के ई-आक्शन के लिए केन्द्र ने वन भूमि के डायवर्जन की दी स्वीकृति
जयपुर । अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भरतपुर के रुदावल स्थित बंशी पहाड़पुर के सुन्दर और टिकाऊ सेंडस्टोन का उपयोग अब सुचारू रूप से हो सकेगा। केन्द्र सरकार के वन, पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने बंशी पहाड़पुर में खनिज सेंड स्टोन के खनन के लिए वन भूमि के डायवर्जन की प्रथम स्तरीय स्वीकृति जारी कर दी है। माइंस एवं पेट्रोलियम मंत्रालय के अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ. सुबोध अग्रवाल ने रविवार को जानकारी दी कि भारत सरकार की स्वीकृति के साथ ही बंशी पहाड़पुर में खनन ब्लाक तैयार कर इनके आक्शन की राह प्रशस्त हो गई है। इससे क्षेत्र में वैध खनन हो सकेगा और राम मंदिर के लिए सेंड स्टोन वैध तरीके से खनन के माध्यम से उपलब्ध हो सकेगा। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि देश भर में बंशी पहाड़पुर के गुलाबी और लाल पत्थर की मांग को देखते राज्य सरकार के प्रयासों से पिछले दिनों मार्च में बंशी पहाड़पुर खनन क्षेत्र को वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र से बाहर करवाया गया था और अब केन्द्र सरकार ने वन भूमि के डायवर्जन के प्रस्ताव की अनुमति दे दी है। बंशी पहाड़पुर इलाके के पहाड़ों से लाल-गुलाबी पत्थर निकलता है, जिसकी मांग पूरे देश में काफी ज्यादा है।2016 से इस पहाड़ी को अभयारण्य के लिए नोटिफाई किया गया था। अवैध खनन होने की वजह से इस पत्थर के खनन पर प्रशासन ने रोक लगा दी थी। लिहाजा मंदिर निर्माण में भी प्रयोग किये जा रहे ये पत्थर नहीं जा पा रहे थे। बंशी पहाड़पुर इलाके का पत्थर अपनी मजबूती और सुंदरता के लिए विश्व प्रसिद्ध है। इसकी खासियत को ध्यान में रखते हुए देश के बड़े मंदिर और भवनों में इन पत्थरों को लगया गया है। राम मंदिर को भव्य बनाने के लिए इन पत्थरों को खासतौर पर मंगाया गया है। देश के कई अक्षरधाम मंदिरों, संसद भवन, लालकिला, जयपुर की विधानसभा भवन और इस्कान के ज्यादातर मंदिरों में इस पत्थर को लगाया गया है। बताया जाता है कि अयोध्या में राममंदिर निर्माण के लिए करीब चार लाख घन फीट पत्थर काम में आएगा। इसमें से करीब 2.75 लाख घन फीट पत्थर भरतपुर के बंसी पहाड़पुर के सैंड स्टोन का होगा। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य सरकार के प्रयासों से केन्द्र सरकार के वन, पर्यावरण और जलवायु मंत्रालय द्वारा दो दिन पहले 11 जून को जारी आदेश में बंशी पहाड़पुर क्षेत्र के 398 हेक्टेयर क्षेत्र के डायवर्जन की प्रथम स्तरीय अनुमति जारी कर दी गई है। उन्होंने बताया कि अब विभाग द्वारा जल्दी ही इस क्षेत्र में डेलिमेनेशन का काम किया जाकर आक्शन हेतु ब्लाक तैयार किए जाएंगे और उन्हें ई-आक्शन के माध्यम से नीलाम किया जा सकेगा। एक मोटे अनुमान के अनुसार बंशी पहाड़पुर में ई-आक्शन से खनन पट्टे जारी होने पर राज्य सरकार को करीब 500 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने की संभावना है।