द ब्लाट न्यूज़। केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को दिल्ली सरकार के हवाले से संसद में कहा कि फरवरी में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के घोघा आवास परिसर का एक हिस्सा बड़े पैमाने पर चोरी किए जाने के कारण ढह गया था।
पुरी ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार से मिली सूचना के अनुसार दिल्ली में रहने वाले शहरी गरीबों को राजीव रतन आवास योजना (आरआरएवाई) में आवास उपलब्ध कराने की परिकल्पना की गई थी।
उन्होंने कहा कि यह स्वतंत्र योजना नहीं थी और आवास का निर्माण जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी नवीकरण मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत किया गया था। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत निर्मित घोघा आवास परिसर में 32 आवासों का एक ब्लॉक ढह गया था। इसका निर्माण आर्थिक रूप से कमजोर लोगों (ईडब्ल्यूएस) लोगों के लिए किया गया था।
पुरी राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि इन आवासों का निर्माण 2007 से 2010 के बीच तत्कलीन दिल्ली सरकार द्वारा किया गया था लेकिन उनका अब तक आवंटन नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि 11 फरवरी, 2022 को हुयी इस घटना के बारे में दिल्ली सरकार ने बताया कि कोविड महामारी के दौरान असामाजिक तत्वों द्वारा बड़े पैमाने पर चोरी किए जाने के कारण मकानों को नुकसान हुआ।
पुरी ने अब तक आवासों को खाली रखने और उनका आवंटन नहीं किए जाने को लेकर सवाल उठाया और कहा कि अब भी 35,000 फ्लैट खाली हैं और केंद्र ने राज्य सरकार से कहा कि वे खाली मकान केंद्र सरकार को मुहैया कराए। उन्होंने कहा कि ये मकान उन लोगों को अस्थायी तौर पर मुहैया कराए जा सकते हैं जो रोजगार की तलाश में बाहर से यहां आते हैं।
पुरी ने चोरी को आपराधिक कृत्य बताया और कहा कि परिसर के मकानों के रखरखाव के साथ-साथ उचित गुणवत्ता वाले आवास का निर्माण संबंधित राज्य सरकारों का उत्तरदायित्व है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने सूचित किया है कि तृतीय पक्ष गुणवत्ता निगरानी एजेंसियों द्वारा परियोजनओं के निर्माण कार्य की निगरानी की गयी थी।
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