द ब्लाट न्यूज़ । राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने शुक्रवार को रियल एस्टेट फर्म सुपरटेक लिमिटेड के खिलाफ दिवालिया प्रक्रिया शुरू कर दी।
सुपरटेक समूह की इस कंपनी के लिए पिछले एक साल में लगा यह दूसरा बड़ा झटका है। इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने 31 अगस्त, 2021 को सुपरटेक लिमिटेड के दो 40 मंजिला टावरों को गिराने का आदेश दिया था।
एनसीएलटी की एक पीठ ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की तरफ से दायर याचिका की सुनवाई करते हुए सुपरटेक लिमिटेड के निदेशक मंडल के स्थान पर एक अंतरिम समाधान पेशेवर नियुक्त करने की मंजूरी दे दी।
बैंक ने अपनी याचिका में कंपनी के दिवालिया होने का दावा किया था। सुपरटेक लिमिटेड पर करीब 1,200 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है। इसमें से करीब 510 करोड़ रुपये का कर्ज यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने दिया था।
यह आदेश अभी मौखिक रूप से पारित किया गया है और इस संबंध में विस्तृत आदेश आने का इंतजार है।
वहीं सुपरटेक ग्रुप ने इस घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए एक बयान में कहा कि वह इस आदेश को राष्ट्रीय कंपनी कानून अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के समक्ष चुनौती देगा। इसके साथ ही उसने इस आदेश का समूह की अन्य कंपनियों के कामकाज पर कोई असर न पड़ने का भी दावा किया।
सुपरटेक ग्रुप के प्रबंध निदेशक मोहित अरोड़ा ने कहा कि सुपरटेक लिमिटेड की करीब 11-12 आवासीय परियोजनाओं के खिलाफ कर्ज समाधान प्रक्रिया शुरू की गई है लेकिन इनमें से करीब 90 प्रतिशत परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं।