द ब्लाट न्यूज़। वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को लगता है कि महात्मा गांधी ‘सबसे बड़े हिंदू’ थे। आजाद ने जम्मू के एक कार्यक्रम में कहा कि ‘महात्मा गांधी सबसे बड़े हिंदू और सेक्युलरवादी थे।’ ‘द कश्मीर फाइल्स’ की वजह से पंडितों के पलायन का मुद्दा चर्चा में है। सीधे तौर पर जिक्र किए बिना आजाद ने कहा कि ‘जेएंडके में जो कुछ भी हुआ है, उसके लिए पाकिस्तान और आतंकवाद जिम्मेदार है।
इसने सारे हिंदुओं, कश्मीरी पंडितों, कश्मीरी मुसलमानों, डोगरा सबको प्रभावित किया है।’ कांग्रेस के सीनियर नेता ने कहा कि राजनीतिक दल तो चौबीसों घंटे धर्म और राजनीति के नाम पर भड़काते हैं मगर सिविल सोसायटी का काम एकजुट रहना है। आजाद ने कहा कि ‘पॉलिटिकल पार्टीज का काम रहेगा चौबीस घंटे डिवाइड करना… बांटना… धर्म के नाम पे… कास्ट के नाम पे… वो मेरी पार्टी हो… दूसरी किसी पार्टी को… रीजनल हो… मैं किसी को माफ नहीं करता।
‘ आजाद ने जम्मू में कहा, ‘सिविल सोसायटी का काम है दिशा देना। लेकिन हम प्यार से रहकर भी तो वही कर सकते हैं… आचार्य कृपलानी और मिसेज कृपलानी दिन में अलग पार्टीज के खिलाफ काम करते थे मगर रात को खाना देता तो मिसेज कृपलानी का ही काम था। क्या हम ये आज नहीं कर सकते कि विचार हम अपनी-अपनी पार्टी को दे दें मगर शादी-ब्याह, मरने-जीने में हम इकट्ठे हों? एक-दूसरे के घर आएं-जाएं?’ कश्मीरी पंडितों के 1990 में हुए पलायन पर देश भर में बहस जारी है। भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का खेल चल रहा है।
कांग्रेस का आरोप है कि भाजपा ने तत्कालीन निर्वाचित मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को हटाने और जगमोहन की नियुक्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिन्हें कांग्रेस पूरी तरह से पलायन के लिए दोषी ठहराती है, क्योंकि उस समय मुफ्ती मोहम्मद सईद गृह मंत्री थे, जिनके साथ 2015-16 में कश्मीर में भाजपा ने सरकार बनाई थी। वहीं भाजपा ने आरोप लगाया है कि 1987 के विधानसभा चुनावों में धांधली के आरोपों के बाद 1989 में विद्रोह शुरू हुआ और जेकेएलएफ ने केपी को निशाना बनाना शुरू कर दिया।
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