द ब्लाट न्यूज़ । विदेशमंत्री एस. जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि यूक्रेन के संकट में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए शुरू किये गये ‘ऑपरेशन गंगा’ सरकार की प्रतिबद्धता को सुनिश्चित करने का प्रमाण है कि विदेशों में संकट में फंसे भारतीय नागरिक अपनी सरकार पर भरोसा कर सकते हैं।
डाॅ. जयशंकर ने लोकसभा और राज्यसभा में यूक्रेन की स्थिति पर एक वक्तव्य देते हुए कहा कि सरकार ने कई अवसरों पर विदेशों में संकट में फंसे भारतीय नागरिकों को निकाला है लेकिन शायद ही कोई यूक्रेन में चल रहे इस संघर्ष जितना चुनौतीपूर्ण रहा हो।
विदेशमंत्री ने कहा कि यूक्रेन में हो रहे घटनाक्रम का प्रभाव संयुक्त राष्ट्र, विशेष रूप से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पर भी पड़ा है। वर्तमान में भारत इसका एक अस्थायी सदस्य है। उन्होंने कहार, “ यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर भारत की स्थिति दृढ़ और सुसंगत रही है। हमने बिगड़ती स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है और हिंसा को रोकने तथा युद्ध को समाप्त करने का आह्वान किया है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और यूएनजीए में हमारे वक्तव्य में हमने तत्काल युद्धविराम और फंसे हुए नागरिकों को सुरक्षित निकालने का आग्रह किया है।” उन्होंने कहा कि भारत ने सभी संबंधित पक्षकारों को अपने नेतृत्व के उच्चतम स्तर पर यह दोहराया है कि कूटनीति और बातचीत के अलावा और कोई विकल्प नहीं है।
विदेश मंत्री ने कहा कि यूक्रेन संघर्ष के बड़े आर्थिक निहितार्थ हैं। ऊर्जा और सामान की कीमतों पर इसका असर पहले से ही दिखाई दे रहा है। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बड़ा व्यवधान हो सकता है। भारत, रूस और यूक्रेन दोनों के साथ बड़े स्तर पर आपसी व्यापार करता है। उन्होंने कहा कि सरकार, इस संबंध में आकलन कर रही है और अब ‘आत्मनिर्भर भारत’ की अधिक आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय के अधिकारियों, विशेष रूप से संबंधित दूतावासों, नागर विमानन मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, एनडीआरएफ, भारतीय वायु सेना, निजी एयरलाइंस तथा यूक्रेन से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए प्रयास किया। इसके अलावा यूक्रेन, पोलैंड, रोमानिया, स्लोवाकिया, हंगरी और मालदोवा में स्थानीय भारतीय समुदाय, सिविल सोसाइटी, स्वयंसेवी संगठनों ने भी इसमें सहयोग किया।
The Blat Hindi News & Information Website