लखनऊ । उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय शिक्षकों को पारस्परिक अंतर जिला तबादले की सौगात मिली है। प्रदेश के कुल 4868 शिक्षक मनचाहे जिले में तैनाती पा सकेंगे। बेसिक शिक्षा परिषद ने एनआइसी को तबादला सूची भेज दी है, जल्द ही वह वेबसाइट जारी हो जाएगी।
उत्तर प्रदेश सरकार ने दो दिसंबर, 2019 को जारी अंतर जिला तबादला आदेश में पहली बार शिक्षकों को दो अवसर दिए थे। पहला रिक्त पद के सापेक्ष और दूसरा पारस्परिक। इसमें एक संवर्ग के वे शिक्षक जो अलग जिलों में कार्यरत हैं आपसी सहमति से वे एक-दूसरे जिले और उसी स्कूल में तबादला किया गया है। बशर्ते दोनों को ऑनलाइन आवेदन करना पड़ा था। पहली 21695 शिक्षकों की सूची जारी हो चुकी है और शिक्षक संबंधित जिलों में नियुक्त हो चुके हैं, जबकि पारस्परिक तबादला सूची बुधवार को जारी हुई है।
परिषद सचिव प्रताप सिंह बघेल ने बताया कि पारस्परिक अंतर जिला तबादले के लिए शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन लिए गए थे। एनआइसी की वेबसाइट पर 9641 शिक्षकों ने पंजीकरण कराया था। बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने आवेदन की जांच की तो 5074 के आवेदन निकले और 4567 आवेदनों को निरस्त कर दिया गया। सत्यापित 5074 आवेदनों के सापेक्ष 2434 यानी 4868 को अंतर जिला तबादले का लाभ दिया गया है, उनकी सूची वेबसाइट पर प्रकाशित कराई जा रही है। शिक्षकों के संबंधित जिलों से रिलीव व ज्वाइन करने के संबंध में अलग से आदेश जारी होंगे। उसी के अनुरूप कार्यवाही की जाएगी।
- इन शिक्षकों का तबादला
- सहायक अध्यापक प्राथमिक : 2068
- पुरुष : 1390
- महिला : 678
- सहायक अध्यापक उच्च प्राथमिक या प्रधानाध्यापक प्राथमिक स्कूल : 366
- पुरुष : 301
- महिला : 65सेवा अवधि का अनुपालन नहीं : पारस्परिक अंतर जिला तबादलों में शिक्षिकाओं की दो व शिक्षकों की पांच साल की सेवा अवधि पूरा होने का अनुपालन नहीं किया गया। शासन ने 16 फरवरी को इस संबंध में आदेश दिया था कि अंतर जिला तबादले के शासनादेश का यह नियम इन शिक्षकों पर लागू नहीं होगा। ज्ञात हो कि 31 दिसंबर को जारी रिक्त पदों के सापेक्ष अंतर जिला तबादले सूची में यह नियम प्रभावी होने से बड़ी संख्या में शिक्षकों को मायूस होना पड़ा था। इसीलिए परिषद ने बीएसए को निर्देश जारी करने की जगह सीधे तबादला सूची जारी की। जिन शिक्षकों का आवेदन निरस्त हुआ है, उनमें से कई रिक्त पदों के सापेक्ष नियुक्ति पा चुके हैं या फिर उनके आवेदनों में खामियां थी। किसी भी शिक्षक का आवेदन सेवा अवधि की वजह से खारिज नहीं हुआ।