नई दिल्ली । संक्रमण काल में आपदा को अवसर बनाकर केन्द्र की मोदी सरकार और दिल्ली की केजरीवाल सरकार लगातार बढ़ते पेट्रोल और डीजल के दामों पर नियंत्रण करने की बजाय दोनो सरकारें भारी भरकम टैक्स वसूलकर लोगां की जेब पर डांका डाल रही है। दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार के नेतृत्व में दिल्ली कांग्रेस कार्यकर्ता पेट्रोल और डीजल की अनियंत्रित बढ़ती कीमतों को वापस लेने की मांग व मंहगाई के अतिरिक्त बौझ के खिलाफ कल 11 जून, 2021 को दिल्ली के पेट्रोल पम्पों पर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन करेंगे। अनिल कुमार ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी के निर्देशानुसार सरकार के विरोध में पेट्रोल डीजल के दामों में अप्रत्याशित वृद्धि करने के लिए पेट्रोल पम्पों के सामने प्रतीकात्मक विरोध प्रदर्शन किय जाएगा। अनिल कुमार ने कहा कि केन्द्र और दिल्ली सरकार की असंवेदनशीलता के कारण पेट्रोल के दाम सेन्चुरी लगाने को तैयार है मोदी की गलत नीतियों की वजह से पेट्रोल 100 रुपये के पास पहुॅच रहा है। उन्हांने कहा कि तेल के खेल ने आज हर घर के बजट को बिगाड़ दिया है। उन्होंने कहा कि कोविड-19 संक्रमण आपदा में सरकारें लोगों को राहत देने की बजाय सरकारी खजाने भरने का काम कर रही है और लोगों पर अतिरिक्त बौझ डालने के कारण उनकी अजीविका प्रभावित हो रही है। संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार के अलावा पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज, प्रदेश महिला अध्यक्ष अमृता धवन, परवेज आलम व अनुज अत्रेय भी मौजूद थे। अनिल कुमार ने कहा कि आज जब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें 76 डॉलर प्रति बैरल तक गिर गई है, तब पेट्रोल की कीमते 100 रुपये प्रति लीटर तक पहुॅच रही है। दिल्ली में 95 रुपये प्रति लीटर पेट्रोल पर मोदी सरकार लगभग 33 रुपये एक्साईज ड्यूटी और केजरीवाल सरकार 22 रुपये वैट के रुप में वसूल रही है, वहीं 85 रुपये प्रति लीटर पर केन्द्र सरकार 32 रुपये एक्साईज ड्यूटी और केजरीवाल सरकार 13 रुपये वैट टैक्स वसूल रहे है। अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने 6 वर्षों में पेट्रोल डीजल पर 25000 करोड़ रुपये के टैक्स के रुप में वसूले है और मोदी सरकार ने लगभग 7 वर्षों में 20.56 लाख करोड़ रुपये टैक्स के रुप में वसूले है। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि पिछले 7 वर्षों के दौरान मोदी टैक्स व केजरीवाल टैक्स के जरिए लूट की बजाय अगर कोरोना महामारी संकट में यदि छूट दी जाए तो पेट्रोल व डीजल दोनो 40 रुपये प्रति लीटर मिलेंगे। उन्होंने कहा कि यदि केजरीवाल सरकार ने पिछले एक वर्ष में टैक्स के रुप में वसूल किए गए 805 करोड़ रुपये अपने प्रचार के लिए विज्ञापन पर खर्च कर दिए। उन्होंने कहा कि केजरीवाल ने 25000 करोड़ रुपये में न तो कोई नया अस्पताल बनाया, न ही कोई स्कूल कॉलेज बनाया, न ही कोई नई लो-फ्लोर डीटीसी बस लाए। अनिल कुमार ने कहा कि शीला दीक्षित सरकार के दौरान वर्ष 2013 में दिल्ली में पेट्रोल पर 20 प्रतिशत तथा डीजल पर 12.5 प्रतिशत वैट टैक्स वसूला जाता था जिसे केजरीवाल सरकार ने भाजपा के साथ मिलकर 2015 में पेट्रोल पर वेट 30 प्रतिशत तथा डीजल पर 16.75 प्रतिशत कर दिया। चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि मोदी और केजरीवाल सरकार की गरीब विरोधी नीतियों के कारण मंहगाई ने लोगों की कमर तोड़ दी है और उदाहरण के तौर पर एक साल में खाद्य तेलों की कीमतें लगभग 37 प्रतिशत बढ़कर सरसों का तेल 132 से 181 रुपये प्रति लीटर हो गया है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों के कारण मंहगाई पर अधिक प्रभाव पड़ता है, जिससे लोगां की कमर टूट रही है।
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