जेडीयू और आरजेडी के बीच पक रही सियासी खिचड़ी

बिहार:  सियासत के लिहाज से देखें तो बिहार अपने आप में हमेशा दिलचस्प प्रदेश रहा है। वैसे तो खरमास चल रहा है लेकिन बिहार के सियासी हलचल पर काफी तेज है। दरअसल, बिहार में यह सवाल खूब सुर्खियों में है कि क्या जदयू एक बार फिर से आरजेडी के साथ मिलकर सरकार बनाने जा रही है। यह सवाल ऐसे ही नहीं हो रहा है। आपको बता दें कि राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह की ओर से नीतीश कुमार को एक ऑफर दिया गया है। इतना ही नहीं, राजद ने अपने इस ऑफर के साथ यह भी दावा कर दिया कि खरमास बाद बिहार की सियासत में बड़ा भूचाल आ सकता है। इसी को लेकर अब तरह तरह के मायने निकाले जा रहे हैं। दरअसल पूरा का पूरा मामला जातिगत जनगणना को लेकर है। जातिगत जनगणना को लेकर जदयू और राजद एक साथ हैं।

जातिगत जनगणना को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल ने अगस्त में नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। उस प्रतिनिधिमंडल में तेजस्वी यादव भी थे। इसी कड़ी में अब राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने बड़ा बयान दे दिया है। जगदानंद सिंह ने तो यहां तक कह दिया कि अगर जातिगत जनगणना को लेकर भाजपा नीतीश कुमार का साथ छोड़ेगी तो राजद नीतीश कुमार का समर्थन करेगा। सिंह के इसी बयान को लेकर अब सियासी बवाल बिहार में जारी है। जगदानंद सिंह ने तो जातिगत जनगणना को लेकर बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि सरकार ने इस मसले को फिलहाल ठंडे बस्ते में डाल दिया है। राजद के इस ऑफर को जनता दल यू के संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने स्वागत किया है।

राजद की ओर से साफ तौर पर कह दिया गया है कि तेजस्वी यादव जातिगत जनगणना को लेकर नीतीश के साथ आने को तैयार है। राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने तो यहां तक कह दिया कि यह खुला संदेश है नीतीश कुमार को। बिहार की जनता के हित में जो वाजिब होगा उसके लिए राजद पीछे नहीं हटेगी और यह संदेश तेजस्वी यादव ने दिया है।

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