नई दिल्ली :भारतीय विदेश मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश में चीन की गुस्ताखी पर उसे करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि बीजिंग ने नई दिल्ली के साथ भड़काऊ व्यवहार करना जारी रखा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने चीनी सरकार को अरुणाचल प्रदेश में 15 स्थानों के लिए नए नाम जारी करने को “अस्थिर क्षेत्रीय दावों का समर्थन करने के लिए हास्यास्पद अभ्यास” करार दिया। अरुणाचल प्रदेश में चीन द्वारा अपनी तरफ से स्थानों का नाम बदले जाने पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमें उम्मीद है कि चीन इस तरह की हरकतों के बजाय पूर्वी लद्दाख में विवाद के बिंदुओं को हल करने के लिए काम करेगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने चीन को याद दिलाया कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा भारत का एक अविभाज्य हिस्सा रहा है और रहेगा” और टुटिंग को “डौडेंग” या नदी सियोम को “शीयुमु” या यहां तक कि किबिथु को “डाबा” कहने से “तथ्य नहीं बदलेगा। चीन भारतीय राज्य को तथाकथित “दक्षिण तिब्बत” के रूप में देखता है और अतीत में इस तरह के कदमों में शामिल रहा है। चालबाज चीन ने अप्रैल 2017 में भी नाम बदलने का प्रयास किया था। उन्होंने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है, ये सच कभी नहीं बदलेगा।
The Blat Hindi News & Information Website