अमेरिका: सामाजिक कार्यकर्ताओं की तरफ से चीन के ऊपर मानवाधिकार हनन और नरसंहार के आरोप लगते रहते हैं। टेस्ला ने शुक्रवार को शिनजियांग की राजधानी उरुमकी में अपना शोरूम खोलने की घोषणा अपने चीनी सोशल मीडिया अकाउंट पर करते हुए कहा, “चलो शिनजियांग की इलेक्ट्रिक यात्रा शुरू करते हैं! लेकिन टेस्ला के इस ऐलान के साथ ही इसका विरोध शुरू हो गया है और अमेरिका व सामाजिक कार्यकर्ता एलेन मस्क से शिनजियांग प्रांत में खोले गए शो रूम को बंद करने की अपील कर रहे हैं।
नरसंहार के लिए आर्थिक समर्थन को बंद करने का आग्रह
वाशिंगटन, डीसी में स्थित काउंसिल ऑन अमेरिकन-इस्लामिक रिलेशंस ने टेस्ला और उसके हेड एलोन मस्क से शोरूम को बंद करने और “नरसंहार के लिए आर्थिक समर्थन को बंद करने” का आग्रह किया। परिषद के संचार निदेशक इब्राहिम हूपर ने एक बयान में कहा कि किसी भी अमेरिकी कंपनी को ऐसे क्षेत्र में व्यवसाय नहीं करना चाहिए, जो एक धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यक को लक्षित करने वाले नरसंहार अभियान का केंद्र है। वहीं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने टेस्ला कंपनी से चीन के उत्तर-पश्चिमी प्रांत शिनजियांग में खोले गए एक नए शोरूम को बंद करने की अपील की है, जहां अधिकारियों द्वारा ज्यादातर मुस्लिम जातीय अल्पसंख्यकों के खिलाफ दुर्व्यवहार का आरोप है।
शिनजियांग में टेस्ला का 211वां चीनी शोरूम
साल 2004 में एलन मस्क ने कारों की दुनिया में क्रांति लाते हुए इलेक्ट्रिक कार कंपनी टेस्ला शुरू कीथी। टेस्ला आज इलेक्ट्रिक कार की दुनिया में अग्रणी कंपनी है। बता दें कि 2021 में एलन मस्क दुनियाके सबसे अमीर व्यक्ति बने हैं। इलेक्ट्रिक कार निर्माता टेस्ला ने शिनजियांग में अपना 211वां चीनी शोरूम खोला है। जबकि अन्य अंतरराष्ट्रीय कंपनियां कथित मानवाधिकार हनन के कारण इस क्षेत्र से हट गई हैं।
अमेरिका का सख्त संदेश
व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि निजी क्षेत्र की कंपनियां जो अपनी आपूर्ति श्रृंखला के भीतर जबरन मजदूरी और मानवाधिकारों के हनन को संबोधित करने में विफल रहती हैं, उन्हें अमेरिका में गंभीर कानूनी परेशानियों और ग्राहक जोखिम का सामना करना पड़ता है। अमेरिकी काउंसिल ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट के जरिए साफ शब्दों में यह तक लिख दिया है कि “एलन मस्क को टेस्ला के शिनजियांग शोरूम को बंद करना पड़ेगा। गौरतलब है कि पिछले कई महीनों से अमेरिका लगातार शिनजियांग में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ होने वाले चीनी दमन का विरोधकर रहा है और अमेरिका पहले ही शिनजियांग प्रांत में बनने वाले प्रोडक्स पर प्रतिबंध लगा चुका है।इसके साथ ही अमेरिका ने शीतकालीन बीजिंग ओलंपिक का भी डिप्लोमेटिक बहिष्कार कर दिया है,जिसका आयोजन अगले महीने से होने वाला है।
नाइक, एडीडास और H&M जैसे बड़े ब्रांड्स ने उठाया शिनजियांग का मुद्दा
स्वीडिश ब्रांड एच एंड एम ने शिनजियांग प्रांत में मजदूरों की हालत को लेकर चिंता जताई थी। फैशन वियर बनाने वाली कंपनी एच एंड एम ने एक बयान जारी कर जबरन मजदूरी पर बयान दिया था। कंपनी की तरफ से कहा गया था कि वो उन रिपोर्ट्स को लेकर खासी परेशान है जिसमें शिनजियांग प्रांत में जबरन मजदूरी के आरोप लगाए गए हैं। एच एंड एम की तरफ से यह भी कहा गया था कि वो अब शिनजियांग से कॉटन नहीं खरीदेगी। स्पोर्ट्स वियर बनाने वाली कंपनी नाइक और एजीडास ने भी एच एंड एम का समर्थन किया था।
18 लाख उइगर मुसलमानों को कैद में रखा
चीन में मुसलमानों की आबादी 2.2 करोड़ है, यानी कुल आबादी का 1.6 फीसदी। शिनजियांग में 45 फीसदी उईगर मुसलमान रहते हैं। ये तुर्की से संबंध रखते हैं। लेकिन इस प्रांत के मुसलमान चीन की मर्जी के बगैर कुछ नहीं कर सकते। चीन की सरकार जब चाहे वहां मस्जिदों को गिरा कर पब्लिक टॉयलेट बनवा देती है।