प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित किया. पीएम मोदी ने इस संबोधन के दौरान देश में ताजा स्थिति को लेकर चर्चा की. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना की दूसरी लहर से हम भारतवासियों की लड़ाई जारी है. भारत भी इस लड़ाई के दौरान बड़ी पीड़ा से गुजरा है. कई लोगों ने अपने परिजनों को, परिचितों को खोया है. ऐसे सभी परिवारों के साथ मेरी संवेदना है. बीते 100 वर्षों में आई ये सबसे बड़ी महामारी है. ऐसी महामारी आधुनिक विश्व ने न देखी थी न अनुभव की थी. इतनी बड़ी वैश्विक महामारी से हमारा देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा है. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अप्रैल मई के महीने में भारत में मेडिकल ऑक्सीजन की डिमांड अकल्पनीय रूप से बढ़ गई थी. भारत के इतिहास में कभी भी इतनी मात्रा में मेडिकल ऑक्सीजन की जरूरत महसूस नहीं की गई. इस जरूरत को पूरा करने के लिए युद्धस्तर पर काम किया गया. आइए आपको बताएं पीएम मोदी के संबोधन की 10 बड़ी बातें.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में बताया कि आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं तो देश में 23 करोड़ से ज्यादा देशवासियों को कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है.
वैक्सीन हमारे लिए सुरक्षा कवच की तरह है. आज पूरे विश्व में वैक्सीन के लिए जो मांग है, उसकी तुलना में उत्पादन करने वाले देश वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां बहुत कम हैं.
आप पिछले 50-60 साल का इतिहास देखेंगे तो पता चलेगा कि भारत को विदेशों से वैक्सीन प्राप्त करने में दशकों लग जाते थे. विदेशों में वैक्सीन का काम पूरा हो जाता था तब भी हमारे देश में वैक्सीनेशन का काम शुरू नहीं हो पाता था.
पोलियो की वैक्सीन हो, चेचक की वैक्सीन हो, हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन हो, इनके लिए देशवासियों ने दशकों तक इंतजार किया था. 2014 में जब देशवासियों ने हमें सेवा का अवसर दिया तो भारत में वैक्सीनेशन का कवरेज सिर्फ 60 प्रतिशत के आसपास था.
हमने टीकाकरण की रफ्तार भी बढ़ाई दायरा भी बढ़ाया. हमने बच्चों को कई जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए कई नए टीकों को भी भारत के टीकाकरण अभियान का हिस्सा बना दिया. क्योंकि हमें देश के बच्चों की चिंता थी, हमें गरीबों की चिंता थी.
आज देश में 7 कंपनियाँ, विभिन्न प्रकार की वैक्सीन्स का प्रॉडक्शन कर रही हैं. तीन वैक्सीन्स का ट्रायल भी एडवांस स्टेज में चल रहा है. जब नीयत साफ होती है, नीति स्पष्ट होती है, निरंतर परिश्रम होता है तो नतीजे भी मिलते हैं.
हर आशंका को दरकिनार करके भारत ने एक साल के भीतर ही एक नहीं बल्कि दो मेड इन इंडिया वैक्सीन्स लॉन्च कर दी. हमारे देश ने, वैज्ञानिकों ने ये दिखा दिया कि भारत बड़े-बड़े देशों से पीछे नही है.
सरकार ने यह भी साफ कर दिया कि प्राइवेट अस्पताल वैक्सीन की कीमत के ऊपर केवल 150 रुपये ही सर्विस चार्ज ले सकेंगे. अब तक देश के करोड़ों लोगों को मुफ्त वैक्सीन मिली है. अब 18 वर्ष की आयु के लोग भी इसमें जुड़ जाएंगे.
जो लोग भी वैक्सीन को लेकर आशंका पैदा कर रहे हैं, अफवाहें फैला रहे हैं, वो भोले-भाले भाई-बहनों के जीवन के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ कर रहे हैं. ऐसी अफवाहों से सतर्क रहने की जरूरत है.
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को अब दीपावली तक आगे बढ़ाया जाएगा. महामारी के इस समय में, सरकार गरीब की हर जरूरत के साथ, उसका साथी बनकर खड़ी है. यानि नवंबर तक 80 करोड़ से अधिक देशवासियों को, हर महीने तय मात्रा में मुफ्त अनाज उपलब्ध होगा.