नई दिल्ली । इंडियन सेलर्स कलेक्टिव (आईएससी) ने सोमवार को भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के उस फैसले का स्वागत किया, जिसमें उसने 2019 में फ्यूचर समूह के साथ अमेजन के सौदे के लिए अपनी मंजूरी को निलंबित करने का आदेश दिया।
आईएससी ने इसके साथ ही बहुराष्ट्रीय ई-कॉमर्स मंचों और संबंधित पक्षों के खिलाफ लंबित मामलों के तेजी से समाधान की मांग की।
आईएससी, जो देश भर में भारतीय विक्रेताओं के व्यापार संघों और प्रतिनिधि निकायों का एक समूह संगठन होने का दावा करता है, ने कहा कि सीसीआई का ताजा फैसला ”विदेशी खुदरा विक्रेताओं द्वारा अपनाए जा रहे दोहरे मानकों की पुष्टि करता है।”
संगठन ने एक बयान में कहा, ”इसके पता चलता है कि देश के खुदरा बाजार को नियंत्रित करने के इरादे से अमेजन कैसे दोहरे मानकों के साथ काम कर रही है, जो खुद को लेनदेन मंच के रूप में पेश करती है, लेकिन वास्तव में एक खुदरा विक्रेता की तरह व्यवहार कर रही है।”
आईएससी सदस्य और राष्ट्रीय समन्वयक अभय राज मिश्रा ने कहा कि सीसीआई द्वारा अपने आदेश को पलटने का फैसला कदाचार के खिलाफ नियामकों की कार्रवाई को दर्शाता है।
इस बारे में टिप्पणी के लिए अमेजन को भेजे गए एक ईमेल का कोई जवाब नहीं आया।
अखिल भारतीय मोबाइल खुदरा संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अरविंदर खुराना ने कहा कि सीसीआई के फैसले के लिए इससे अधिक उपयुक्त समय नहीं हो सकता था, क्योंकि इस वक्त छोटे खुदरा विक्रेता ऑनलाइन मार्केटप्लेस के कदाचार के कारण जबरदस्त दबाव में हैं।