शीला सरकार के विकास को दिल्ली भुला नहीं पाई, आप सरकार में लोग ठगा महसूस कर रहे: शक्ति सिंह गोहिल

नई दिल्ली । पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और उत्तरप्रदेश में चुनावी तैयारियों के बीच अगले वर्ष दिल्ली में भी नगर निगम चुनाव होने हैं। ऐसे में सभी पार्टियां हर संभव कोशिश कर रही है कि निगम चुनाव में उनकी सत्ता कायम हो। कांग्रेस सांसद व कांग्रेस दिल्ली प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने बताया कि किस तरह कांग्रेस, दिल्ली और निगम चुनाव में वापस आने की तैयारी कर रही है।

कांग्रेस वरिष्ठ नेता शक्ति सिंह गोहिल ने बताया कि, कांग्रेस के लिए दिल्ली की जनता का प्यार हमेशा रहा है। 15 सालों तक शीला दीक्षित की सरकार रही। उनके द्वारा जो विकास हुआ है, उसे लोग भुला नहीं पाए हैं। आम आदमी पार्टी की सरकार में लोगों को ठगा महसूस हो रहा है और उनके वादे भी सिर्फ दिखावे के हुए हैं।

वो तहते हैं, दिल्ली में कांग्रेस की अपनी वोट बैंक वापस आ रही है। हम भी अपनी मेहनत कर रहें है। हमारी दिल्ली में पोल खोल यात्रा चल रही है। लोगों के समर्थन को देखते हुए लग रहा है कि कांग्रेस मजबूती से खड़ी होगी।

दरअसल इससे पहले हुए दिल्ली नगर निगम उपचुनाव में पांच वार्ड में आम आदमी पार्टी ने चार सीटें जीती तो कांग्रेस ने एक सीट पर कब्जा किया था। शक्ति सिंह गोहिल की माने तो उप चुनावों में कांग्रेस का वो फीसदी बढ़ा है, इसलिए निगम चुनाव में कांग्रेस को बहुत फायदा मिलने वाला है।

मुख्यमंत्री के दूसरे राज्यों में जाकर वादे करने पर भी शक्तिसिंह गोहिल ने आप पर हमलावर होते हुए कहा कि, प्रदेश कांग्रेस सीएम के वादों के खिलाफ समय अनुसार घेर रही है। मुख्यमंत्री बाहर जाकर कहते हैं कि पार्ट टाइम वालों को रेगुलर करेंगे और नौकरी देंगे, लेकिन सरकार की असलियत कांग्रेस ने उजागर की है। उन्होंने अन्य राज्यों में जो वादे किए हैं, वह दिल्ली में किए वादे लोगों को अब तक नहीं दे पाए हैं।

उन्होंने आगे बताया कि, दिल्ली एक ऐसा राज्य है जहां सरप्लस बजट होता है। शीला दीक्षित के वक्त में बड़े बड़े फ्लाईओवर बने जिससे ट्रैफिक की समस्या खत्म हुई। आज विकास न होने के कारण हम फिर वही समस्या झेल रहे हैं।

नगर निगम चुनाव अप्रैल 2022 में प्रस्तावित हैं। मार्च माह में इस निमित्त आचार संहिता लग जाने की संभावना है, ऐसे में सभी राजनीतिक दलों के पास चुनावी तैयारी के लिए बमुश्किल ढाई माह का समय बचा है।

गोहिल के मुताबिक, जनता के बीच जाने के बाद हमारे पास मुद्दे बहुत हैं, जिन्हें कांग्रेस लेकर जाएगी। कोरोना काल के दौर को याद करते हुए उन्होंने बताया कि, दिल्ली में बिना आईसीयू बैड के लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा, कोरोना के समय में बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने कोई मदद नहीं की, कांग्रेस की रसोई हमने चलाई, हमारे कार्यकतार्ओं ने लोगों की बहुत मदद की।

कांग्रेस और उनके नेता लगातार इस बात का दावा कर रहें हैं कि कांग्रेस को निगम चुनाव व अन्य चुनावों में फायदा होगा लेकिन दिल्ली कांग्रेस से कुछ वक्त में ही कई नेता छोड़ कर गए, जिससे यह माना जा रहा है कि पार्टी को निगम चुनाव में बड़ा नुकसान होगा।

हालांकि गोहिल की माने तो पार्टी छोड़ने के पीछे कोई न कोई वजह होती है, लालच दिया जाता है, गुस्सा होता है। लेकिन दिल्ली या अन्य राज्य में जो लोग कांग्रेस पार्टी छोड़ कर गए है उन्हें बाद में पछतावा हुआ है और वह वापस भी आये।

उन्होंने कहा कि, अच्छा बुरा वक्त हर पार्टी का आता है लेकिन जो अपनी विचारधारा के समझौता करते हैं। उनके साथ वोटर और सपोर्टर नहीं जाता है। जो पार्टी छोड़ कर जा रहें है उससे पार्टी को लंबा नुकसान नहीं होगा, बल्कि वह खुद पछताएंगे।

जब शक्ति सिंह गोहिल से पूछा गया कि कांग्रेस के निगम चुनाव में आने से कर्मचारियों व लोगों को क्या फायदा होगा ? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि, कांग्रेस की सरकार के दौरान निगम में चाहे किसी और पार्टी की सत्ता रही हो लेकिन कर्मचारियों की तनख्वाह कभी नहीं रुकी, लेकिन अब वह हालात नहीं रहे, कर्मचारी अब हड़ताल पर चले जाते हैं।

मौजूदा वक्त में बीजेपी और आप पार्टी एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगा रही है, लेकिन इसमें आम जनता का क्या दोष है ? दो पार्टियों की लड़ाई में आम लोग परेशान हो रहें हैं। हम अपनी सरकार में इसको ठीक करेंगे।

निगम चुनाव में कांग्रेस के सामने कौन चुनौती रहेगी ? इस सवाल पर गोहिल ने कहा कि, यह जनता तय करती है, हमारा काम है लोगों की सेवा करना, हमारे नेता दिल्ली के जनता के लिए सकरात्मक मैनिफेस्टो तैयार कर रहें हैं जिसमें कोई हवा बाजी नहीं होगी और जब हम सत्ता में आएंगे तो उन्हें करके दिखाएंगे। वहीं उन वादों को पूरा करने के लिए पैसे कहाँ से आएंगे और खर्च कहाँ करेंगे यह सब तैयार किया जा रहा है।

दरअसल दिल्ली कांग्रेस आगामी नगर निगम चुनावों में 130 वाडरें से अधिक वाडरे में युवा चेहरों पर दांव लगाने में जुटी हुई है। वहीं पार्टी के नेता और कार्यकर्ता शीला दीक्षित के समय के कार्यों को गिनाने की योजना भी बना रही है।

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