जकार्ता । इंडोनेशियाई प्राधिकारियों ने जावा द्वीप में सर्वाधिक ऊंचा ज्लावामुखी फटने की आशंका जताते हुए अलर्ट जारी किया है।
प्राधिकारियों ने सेमेरु पर्वत में फिर से ज्वालामुखी फटने की आशंका जताई है। सेमेरु में इस महीने की शुरुआत में अचानक ज्वालामुखी फटने से 48 लोगों की मौत हो गई थी और 36 अन्य लोग लापता हो गए थे।
इंडोनेशिया की भूवैज्ञानिक एजेंसी ने शनिवार को बताया कि उसने ऐसी गतिविधियां बढ़ती देखी हैं, जिसके कारण चार दिसंबर की तरह ज्वालामुखी फटने की आशंका है।
इंडोनेशिया के सबसे घनी आबादी वाले द्वीप जावा में चार दिसंबर को सबसे ऊंचा ज्वालामुखी फटा था जिससे आसमान में राख का गुबार छा गया था। पूर्वी जावा प्रांत के लुमाजांग जिले में स्थित सेमेरु पर्वत से अचानक ज्वालामुखी फटने से इसके ढलानों के आसपास के कई गांवों में राख भर गई थी। कई दिनों तक गरज के साथ बारिश होने से 3,676 मीटर (12,060 फुट) सेमेरु के ऊपर के लावा गुंबद को क्षति हुई और यह अंत में यह ढह गया।
ऊर्जा एवं खनिज संसाधन मंत्री अरिफिन तसरीफ ने बताया कि ज्वालामुखी के क्रेटर से निकली लगभग 80 लाख घन मीटर रेत ने बेसुक कोबोकन नदी को अवरुद्ध कर दिया, जो लावा प्रवाह के रास्ते में है।
उन्होंने कहा, ‘‘इसके परिणामस्वरूप, यदि एक और विस्फोट होता है, इससे प्रवाह का मार्ग बाधित होगा और लावा का नया प्रवाह पैदा होगा, जो आसपास के इलाकों में फैल जाएगा।’’
इंडोनेशिया ज्वालामुखी एवं भूवैज्ञानिक खतरा शमन केंद्र की प्रमुख एंडियानी ने बताया कि सेमेरु के आसपास रहने वाले ग्रामीणों को क्रेटर (ज्वालामुखी का मुंह) से 13 किलोमीटर (आठ मील) दूर रहने की सलाह दी गई है। उन्होंने बेसुक कोबोकन वाटरशेड के पास पर्यटन और खनन गतिविधियों को भी रोक दिया है।
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