पुडुचेरी। राज्य सरकार द्वारा गुरुवार और शुक्रवार को बुलाई गई वार्ता में पुडुचेरी का बिजली कर्मचारी संघ शामिल नहीं होगा।
पिछले हफ्ते कैबिनेट की बैठक में मुख्यमंत्री एन. रंगासामी ने निजीकरण पर फीडबैक लेने के लिए 9 और 10 दिसंबर को कर्मचारियों के साथ बैठक करने का फैसला किया था।
विद्युत इंजीनियरों और कर्मचारियों के निजीकरण विरोध समिति के महासचिव ए. वेलमुरुगन ने बताया, हम बैठक में शामिल नहीं होंगे क्योंकि यह सरकार को सौंपे गए एक ज्ञापन में हमारे द्वारा उठाए गए मुद्दों को संबोधित नहीं करेगा।
उन्होंने कहा कि कर्मचारी इस बात पर स्पष्टता चाहते हैं कि क्या सरकार पुडुचेरी बिजली विभाग (पीईडी) का निजीकरण करेगी या इसका निगमीकरण किया जाएगा।
संघ के नेता ने कहा कि कर्मचारियों को उस संस्थान का विवरण जानने का अधिकार है जिसके लिए वे काम कर रहे हैं। उन्हें पीईडी के भविष्य पर सभी विवरणों की आवश्यकता है।
कर्मचारियों ने कहा कि केंद्र सरकार केंद्र शासित प्रदेश की बिजली वितरण कंपनी (डिस्कॉम) के निजीकरण पर अड़ी है।
संघ के नेताओं ने कहा कि पिछली द्रमुक, कांग्रेस सरकार ने निजीकरण के कदम का विरोध किया और विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजा था।
वेलमुरुगन ने कहा कि पुडुचेरी बिजली विभाग (पीईडी) नुकसान नहीं कर रहा है और इसका निजीकरण करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
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