नई दिल्ली । ‘वैयक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक, 2019’ का अध्ययन कर रही संसद की संयुक्त समिति का कार्यकाल छठी बार बढ़ाया गया और अब समिति को रिपोर्ट पेश करने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र के अंतिम सप्ताह तक का समय दिया गया है।
भाजपा सांसद और इस समिति के प्रमुख पी.पी. चौधरी ने लोकसभा में इस संबंध में प्रस्ताव रखा जिसे सदन ने ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया।
प्रस्ताव में कहा गया था कि यह सदन ‘वैयक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक, 2019’ पर संसद की संयुक्त समिति को रिपोर्ट पेश करने के लिये समय को शीतकालीन सत्र के अंतिम सप्ताह तक बढ़ाता है।
विधेयक का अध्ययन करने के लिए दिसंबर, 2019 में संसद की संयुक्त समिति का गठन किया गया था और इसका कार्यकाल छठी बार बढ़ाया गया है।
उसे गत बजट सत्र में रिपोर्ट देनी थी, लेकिन तब समिति के लिए रिपोर्ट जमा करने की समय-सीमा संसद के मॉनसून सत्र के पहले सप्ताह तक बढ़ाई गयी थी।
विधेयक में किसी व्यक्ति के निजी डाटा के सरकार और निजी कंपनियों द्वारा उपयोग के नियमन के प्रावधान हैं।
इस समिति की रिपोर्ट को पिछले महीने अंगीकार किया गया था। इसमें सरकार को जांच एजेंसियों को इस प्रस्तावित कानून के प्रावधानों से छूट देने क अधिकार दिया गया है जिसका विपक्ष के कई सांसदों ने विरोध किया है।
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