नयी दिल्ली । जर्मनी की लग्जरी कार कंपनी बीएमडब्ल्यू का मानना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) पर कुछ समय के लिए या सीमित इकाइयों पर आयात शुल्क में कटौती से देश में ऐसे वाहनों की मांग पैदा करने के साथ विनिर्माण में मदद मिलेगी। कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इससे भारत में तेजी से नई प्रौद्योगिकी लाई जा सकेगी।
कंपनी ने पिछले 15 साल में भारत में बेचे गए काफी वाहनों का विनिर्माण स्थानीय स्तर पर किया है। कंपनी का मानना है कि विनिर्माण का स्थानीयकरण मांग पैदा करने की दृष्टि से महत्वपूर्ण है। बीएमडब्ल्यू समूह भारत के अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विक्रम पावाह ने कहा, ”हम हमेशा क्या करते हैं, एक मॉडल की मांग पैदा करते हैं और फिर उसका स्थानीयकरण करते हैं। हमारा मानना है कि इन नई प्रौद्योगिकियों को भविष्य में स्थानीयकृत करने की क्षमता है, लेकिन आपको इसके लिए बड़ी मांग पैदा करने की जरूरत होगी।”
उन्होंने कहा कि इसे करने का एकमात्र तरीका यह है कि इसमें तेजी लाई जाए। बुनियादी ढांचे के विकास से पहले मांग पैदा हो या ऐसी मांग पैदा की जाए, जिससे बुनियादी ढांचा तैयार हो सके। उन्होंने कहा, ”तब हम उन प्रौद्योगिकियों का स्थानीयकरण कर सकेंगे, जो उस समय तक परिपक्व हो जाएंगी।” पावाह ने आगे कहा, ”इसके लिए हम सरकार से बहुत आसान मांग कर कर रहे हैं। सरकार आयात शुल्क में कुछ कमी करे। आयात शुल्क में कमी कुछ समय और सीमित इकाइयों के लिए की जा सकती है।