नई दिल्ली । केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट से जुड़े सभी काम समय पर पूरे हो सकें, इसकी निगरानी के लिए सरकार ने वित्त विभाग के पूर्व सचिव रतन पी. वाटल की अध्यक्षता में 5 सदस्यीय समिति का गठन किया है।
केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा जारी ऑफिस मेमोरेंडम के मुताबिक, सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं को लेकर काम कर रही तमाम एजेंसियों के बीच बेहतर तरीके से समन्वय स्थापित करने के लिए सेंट्रल विस्टा ओवरसाइट कमेटी का गठन किया गया है। यह समिति सेंट्रल विस्टा के लिए चल रहे विभिन्न कामों की प्रगति पर नजर बनाए रखेगी ताकि सभी काम समय पर पूरे हो सकें। इस निगरानी समिति को काम की गुणवत्ता पर भी नजर बनाए रखने का दायित्व दिया गया है।
मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, यह निगरानी समिति समय-समय पर काम की गुणवत्ता और प्रगति की स्वतंत्र समीक्षा के लिए साइट का दौरा करेगी, नियमित अंतराल पर बैठक करेगी और मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट और सुझाव देती रहेगी।
मंत्रालय द्वारा 25 नवंबर को जारी किए गए ऑफिस मेमोरेंडम के मुताबिक डिप्टी कैग पीके तिवारी, एल एंड टी के पूर्व निदेशक शैलेन्द्र रॉय, आईआईटी दिल्ली की प्रोफेसर मौसम के अलावा केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के संयुक्त सचिव को समिति में शामिल किया गया है।
सरकार द्वारा जारी किए गए ऑफिस मेमोरेंडम के अनुसार इस सेंट्रल विस्टा ओवरसाइट कमेटी का गठन 2 वर्षो या अगले आदेश तक (जो भी पहले हो) के लिए किया गया है।
आपको बता दें कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की घोषणा सितंबर 2019 में की गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2020 में इस परियोजना की आधारशिला रखी थी।