आप ने स्वच्छता सर्वेक्षण में दिल्ली के दो नगर निगमों के खराब प्रदर्शन को लेकर भाजपा की आलोचना की

नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी (आप) ने केंद्र सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण में दिल्ली के तीन नगर निगमों में से दो के खराब प्रदर्शन को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर रविवार को निशाना साधते हुए कहा कि यह शहरवासियों के लिए शर्मिंदा होने वाली बात है।

दूसरी ओर, इस खराब प्रदर्शन के लिए भाजपा ने आप को जिम्मेदार ठहराया और उस पर नगर नगमों को ‘‘पूर्ण निधि नहीं देने’’ का आरोप लगाते हुए कहा कि इसके कारण ‘‘विकास और स्वच्छता संबंधी सेवाएं बाधित हुई।’’

दिल्ली के तीन में से दो नगर निगम सरकार के स्वच्छता सर्वेक्षण की एक विशिष्ट श्रेणी में देश के 48 शहरों में सबसे निचले 10 स्थानों में रहे। स्वच्छता सर्वेक्षण के परिणामों की घोषणा शनिवार को की गई थी।

उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने स्वच्छता सर्वेक्षण में 45वां स्थान हासिल किया, जबकि 2020 में उसने 47 शहरों में 43वां स्थान प्राप्त किया था। पूर्वी दिल्ली निगम 2021 के सर्वेक्षण में 40वें स्थान पर रहा, जबकि दक्षिणी दिल्ली निगम पिछले साल की भांति 31वें स्थान पर रहा। पूर्वी दिल्ली निगम की स्थिति में थोड़ा सुधार हुआ है। यह पिछले सर्वेक्षण में 46वें स्थान पर था।

भाजपा शासित दिल्ली के तीन नगर निगमों को 10 लाख से अधिक जनसंख्या वाले शहरों की श्रेणी में शामिल किया है। यह सर्वेक्षण हर साल केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय के तत्वावधान में आयोजित किया जाता है।

आप के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘केंद्र सरकार की स्वच्छता रैंकिंग में भाजपा शासित तीनों नगर निगम बुरी तरह विफल रहे हैं। वे शीर्ष 20 शहरों की सूची में भी जगह नहीं बना पाए।’’

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की दिल्ली इकाई ने नगर निगमों के खराब प्रदर्शन से शहर के लोगों को ‘‘शर्मसार’’ किया है।

भारद्वाज ने कहा, ‘‘यदि भाजपा दिल्ली को स्वच्छ रखने की अपनी बुनियादी जिम्मेदारी को पूरा नहीं कर सकती, तो उसे नगर निगमों में सत्ता पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।’’

भाजपा की दिल्ली इकाई ने एक बयान में स्वीकार किया कि स्वच्छता सर्वेक्षण में नगर निकायों का प्रदर्शन ‘‘संतोषजनक’’ नहीं रहा, लेकिन उन्होंने सवाल किया कि शहर के ‘‘स्वच्छता संबंधी मानकों’’ में सुधार करने के लिए ‘आप’ सरकार ने नगर निगमों को क्या सहयोग दिया है।

भाजपा प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने आरोप लगाया कि पांचवें दिल्ली वित्त आयोग (डीएफसी) के तहत ‘‘पूर्ण निधि नहीं दिए’’ जाने और तीसरे एवं चैथे डीएफसी की सिफारिश के तहत ‘‘निधि रोके रखने’’ के कारण दिल्ली नगर निगमों का विकास और स्वच्छता रखरखाव सेवाएं प्रभावित हुई हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘आज नगर निगमों के पास नए सफाई कर्मचारियों को लाने के लिए धन नहीं है, जबकि स्वच्छता विभाग में आधे पद खाली पड़े हैं। सफाई मशीनें खरीदने के लिए धन नहीं है।’’

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