नई दिल्ली । सूफी कव्वाली संगीत के प्रतिपादकों और देशभर में धार्मिक स्थलों पर अपनी सूफियाना प्रस्तुतियों के माध्यम से जादू बिखेरते कव्वालों की छवियों को दिखाती एक फोटो प्रदर्शनी का राष्ट्रीय राजधानी में आयोजन हो रहा है।
‘द कव्वाली फोटो प्रोजेक्ट – एन अनटोल्ड स्टोरी’ नामक यह प्रदर्शनी इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में चल रही है, जिसे कथक नृत्यांगना मंजरी चतुर्वेदी ने मूर्त रूप दिया है। दिनेश खन्ना, मुस्तफा कुरैशी और लीना केजरीवाल की तस्वीरों के साथ, फोटो प्रदर्शनी का उद्देश्य सूफी संगीत के पीछे के गुमनाम चेहरों-कव्वालों की आवाज और पहचान को आकार देना है।
चतुर्वेदी ने एक बयान में कहा, ‘‘भारतीय उपमहाद्वीप के कव्वाल काफी हद तक गुमनाम रहे हैं, लेकिन लोग उनके संगीत, आवाज और नाम से भलीभांति परिचित हैं। यही इस संगीत के पीछे के असली चेहरों को दिखाने के लिए इस प्रदर्शनी का कारण बना।’’
खन्ना की कहानियां दिल्ली, अमृतसर, जयपुर, हैदराबाद और अजमेर के महत्वपूर्ण तीर्थस्थलों के बारे में बताती हैं, तो कुरैशी की कहानी उत्तर प्रदेश की दो प्रमुख दरगाहों-देवाशरीफ और सफीपुर से संबंधित है। खन्ना और कुरैशी के विपरीत केजरीवाल का काम विशेष रूप से महिला कव्वाली कलाकारों की उपस्थिति के दस्तावेजीकरण से जुड़ा है। दस दिवसीय प्रदर्शनी का समापन 28 नवंबर को होगा।
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