बीजिंग । चीन ने रविवार को लिथुआनिया के साथ अपने आधिकारिक संबंध राजदूत स्तर से नीचे कर दिए। उसने यह कदम तब उठाया है जब बाल्टिक देश ने ताइवान को अपने यहां एक प्रतिनिधित्व कार्यालय खोलने की अनुमति दी है। दरअसल, ताइवान पर चीन अपना दावा जताता है।
इससे पहले बीजिंग ने लिथुआनिया के राजदूत को निष्कासित कर दिया और देश से अपने राजदूत को भी वापस बुला लिया। विदेश मंत्रालय ने रविवार को कहा कि दूतावास के दूसरे नंबर के अधिकारी स्तर तक संबंधों को कम किया जाएगा।
चीन की यह प्रतिक्रिया ताइवान पर सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के दावे को लेकर उसकी संवेदनशीलता को दिखाती है। ताइवान एक गृह युद्ध के बाद 1949 में मुख्य भूभाग से राजनीतिक रूप से अलग हो गया था।
ताइवान के महज 15 औपचारिक राजनयिक सहयोगी है लेकिन वह अपने व्यापार कार्यालयों के जरिए अमेरिका और जापान समेत सभी प्रमुख देशों के साथ अनौपचारिक संबंध रखता है।
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