इंडियानापोलिस (अमेरिका) । इंडियानापोलिस फेडएक्स कंपनी के परिसर में अप्रैल में हुई गोलीबारी की घटना के पीड़ित सिख समुदाय के तीन लोगों ने मुआवजे की मांग की है।
इन परिवारों ने इन दावों को लेकर मुआवजे की मांग की है कि स्थानीय अधिकारी अदालत की उस सुनवाई को आगे बढ़ाने में विफल रहे, जिससे हमलावर को बंदूकें हासिल करने से रोका जा सकता था।
‘द इंडियानापोलिस स्टार’ समाचार पत्र के पास मौजूद, 12 अक्टूबर को लिखे गए एक पत्र में कहा गया है कि 15 अप्रैल के हमले में घायल हुए और परिजन को खोने वाले हरप्रीत सिंह, लखविंदर कौर और गुरिंदर बैंस ने उन्हें हुए नुकसान के लिए शहर से सात-सात लाख डॉलर मुआवजा दिए जाने का अनुरोध किया है।
पीड़ितों के वकीलों ने कहा कि इंडियानापोलिस मेट्रोपोलिटन पुलिस विभाग और मोरिसन काउंटी अभियोजक कार्यालय मार्च 2020 में हमलावर के बंदूक अधिकारों को निलंबित करने के लिए अदालतों में कोई मामला दायर न करने का फैसला करके इंडियाना के ‘रेड फ्लैग’ कानून का पालन करने में विफल रहे।
इंडियाना में 2005 में ‘रेड फ्लैग’ विधेयक लागू किया गया था, जिसके तहत पुलिस या अदालतें उन लोगों की बंदूकें जब्त कर सकती हैं, जिनके हिंसात्मक होने का संदेह होता है।
पत्र में लिखा गया है कि वकीलों का कहना है कि कानून अधिकारियों को विवेकाधिकार नहीं देता है और उन्हें अदालतों में ऐसे मामले दर्ज करने चाहिए। इसमें कहा गया है कि अगर इस तरह का मामला दर्ज किया गया होता, तो सामूहिक गोलीबारी को रोका जा सकता था।
पुलिस ने कहा कि ब्रैंडन स्कॉट होल (19) ने आत्मघाती हमला किया था, जिसमें शहर के सिख समुदाय के चार सदस्यों समेत आठ कर्मियों की मौत हो गई थी और पांच अन्य लोग घायल हो गए थे।
फेडएक्स का पूर्व कर्मी होल गोलीबारी में इस्तेमाल की गई दो राइफल अवैध रूप से खरीदने में सफल रहा, जबकि उसकी मां ने मार्च 2020 में पुलिस को फोन करके आशंका जताई थी, उनका बेटा आत्महत्या कर सकता है। उस समय पुलिस ने उसके पास से एक शॉर्टगन बरामद की थी।
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