ब्रसेल्स । फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों और रूस के उनके समकक्ष व्लादिमीर पुतिन ने बेलारूस के साथ यूरोपीय संघ की सीमाओं पर बढ़ते प्रवासी दबाव को लेकर तनाव कम करने की आवश्यकता के बारे में सोमवार को फोन पर बात की। मैक्रों के कार्यालय ने यह जानकारी दी।
एलिसे (रूसी राष्ट्रपति भवन) की ओर से जारी बयान के मुताबिक, करीब ढाई घंटे चली बातचीत में, दोनों ने ‘‘शरणार्थियों के लिए मानवीय प्रयासों की जरूरत’’ पर सहमति जताई लेकिन किसी ठोस कदम की घोषणा नहीं की।
यूरोपीय संघ (ईयू) ने कहा कि प्रवासी दबाव बनाने में मॉस्को की भूमिका रही है और वह इसे कम करने में मदद कर सकता है।
बातचीत के बारे में क्रेमलिन ने कहा कि पुतिन ने मैक्रों को बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ अपने संबंधों में बारे में बताया और “ईयू देशों तथा बेलारूस के नेतृत्व के बीच प्रत्यक्ष रूप से पनपी समस्याओं पर चर्चा करने की आवश्यकता पर जोर दिया।’’
क्रेमलिन के अनुसार, पुतिन ने “पोलैंड के सीमा प्रहरियों द्वारा शरणार्थियों के साथ अत्यंत कठोर व्यवहार” किए जाने का भी उल्लेख किया। पोलिश सेना लोगों को पोलैंड में प्रवेश करने से रोक रही है और उन शरणार्थियों को बेलारूस वापस भेज रही है जो सीमा पार कर रहे हैं।
बेलारूस की सरकारी समाचार एजेंसी ‘बेल्टा’ के मुताबिक सोमवार को लुकाशेंको ने जर्मनी की निवर्तमान चांसलर एंजेला मर्केल से, “बेलारूस-पोलैंड, बेलारूस-लिथुआनिया और बेलारूस-लातविया सीमाओं पर स्थिति” के बारे में भी करीब 50 मिनट तक बात की।
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