सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति के लिए सूची को जल्द मंजूरी देगी सरकार

नई दिल्ली । सरकार जल्द सार्वजनिक क्षेत्र के विभिन्न बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों में स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति के लिए सूची को मंजूरी देगी। कामकाज के संचालन (कॉरपोरेट गवर्नेंस) से संबंधित नियामकीय मानदंडों को पूरा करने के लिए सरकार ये नियुक्तियां करने जा रही है।

सूत्रों ने कहा कि सरकारी बैंकों में निदेशक स्तर के पद रिक्त हैं। इस वजह ये नियामकीय अनुपालन सुनिश्चित नहीं हो रहा है।

सूत्रों ने बताया कि स्वतंत्र निदेशकों के रूप में नियुक्त किए जाने वाले पात्र व्यक्तियों की सूची प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) को भेजी गई है, जो जल्द इसपर अंतिम फैसला लेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति सभी उच्चस्तर के पदों पर नियुक्तियां करती है। इनमें स्वतंत्र निदेशक भी शामिल हैं।

कंपनी कानून 2013 के तहत, प्रत्येक सूचीबद्ध सार्वजनिक कंपनी में कुल निदेशकों में से एक-तिहाई स्वतंत्र निदेशक होने चाहिए।

सूत्रों ने कहा कि कई सूचीबद्ध सरकारी बैंक और कुछ वित्तीय संस्थानों में निदेशकों की संख्या तय जरूरत से कम है। इस तरह ये बैंक और वित्तीय संस्थान कंपनी कानून के साथ भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के सूचीबद्धता मानदंडों को पूरा नहीं कर रहे हैं।

उदाहरण के लिए इंडियन ओवरसीज बैंक, इंडियन बैंक और यूको बैंक स्वतंत्र निदेशकों की संख्या के नियम का अनुपालन नहीं कर रहे हैं।

भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और बैंक ऑफ बड़ौदा (बॉब) को छोड़कर ज्यादातर सरकारी बैंकों में चेयरमैन का पद रिक्त है। बैंकों के कर्मचारियों और अधिकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले निदेशकों का पद भी पिछले सात साल से रिक्त है।

देश में 12 सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, चार सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियां और एक जीवन बीमा कंपनी है। इसके अलावा कुछ विशेष बीमा कंपनियां हैं, मसलन भारतीय कृषि बीमा कंपनी भी है।

 

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