नई दिल्ली । रूस, ईरान और मध्य एशिया के पांच देशों के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने बुधवार को यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। इससे पहले इन अधिकारियों ने अफगानिस्तान पर तालिबान के नियंत्रण से पैदा हुई सुरक्षा संबंधी चुनौतियों के मद्देनजर भारत की ओर से आयोजित वार्ता में हिस्सा लिया। अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल और विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला भी शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों की प्रधानमंत्री से मुलाकात के दौरान मौजूद थे। समझा जाता है कि ‘‘अफगानिस्तान पर दिल्ली क्षेत्रीय सुरक्षा वार्ता’’ में हुई चर्चा के प्रमुख बिन्दुओं से इन सुरक्षा अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को अवगत कराया। तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के बाद आतंकवाद, कट्टरवाद और मादक पदार्थों की तस्करी के बढ़ते खतरों का सामना करने में व्यावहारिक सहयोग के लिए एक सामान्य दृष्टिकोण को मजबूत करने के उद्देश्य से भारत वार्ता की मेजबानी कर रहा है। इस वार्ता में रूस, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान के सुरक्षा अधिकारियों ने हिस्सा लिया। एनएसए डोभाल ने बैठक की अध्यक्षता करते हुए अपने उद्घाटन भाषण में कहा कि यह अफगान स्थिति पर क्षेत्रीय देशों के बीच करीबी विचार-विमश, अधिक सहयोग और समन्वय का समय है। उन्होंने कहा, ‘‘इनका न केवल अफगानिस्तान के लोगों के लिए बल्कि उसके पड़ोसियों और क्षेत्र के लिए भी महत्वपूर्ण निहितार्थ हैं।’’ इस वार्ता में शांतिपूर्ण, सुरक्षित और स्थिर अफगानिस्तान के लिए मजबूत समर्थन का आह्वान किया गया और साथ ही कहा गया कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी आतंकवादी कृत्य को पनाह देने, प्रशिक्षण देने या वित्तपोषण के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
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